BEd vs BTC : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीएड डिग्री धारकों का विरोध जारी, सोशल मीडिया पर भी कैंपेन

Supreme Court, note for vote

BEd vs BTC : सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक पद के लिए बीएड धारियों को अयोग्य घोषित करने के बाद उनमें भारी रोष है। ऐसे बीएड धारी जो शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे, वो देश के अलग अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि हाल ही में 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने BEd और BTC मामले पर फैसला सुनाते हुए प्राइमरी टीचर (PRT) के लिए बीएड डिग्री को अयोग्य घोषित कर दिया था।

फैसले से कितने बीएड डिग्री धारक प्रभावित होंगे

इस फैसले से देशभर के करोड़ों युवा प्रभावित होंगे, जिन्होने बीएड डिग्री ली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार तथा एनसीपीई की याचिका खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि प्राइमरी शिक्षक के लिए बीएड डिग्री धारक योग्य नहीं होंगे और इसके लिए सिर्फ बीटीसी (BTC- Basic Training Certificate) डिग्री वाले उम्मीदवार ही प्राइमरी स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 5 तक के लिए पात्र माने जाएंगे। इस फैसले के बाद इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले देवेश कुमार ने निराशा जताई है। उन्होने कहा कि इस फैसले से देशभर के करीब 3 करोड़ बीएड डिग्री धारक छात्र सीधे सीधे प्रभावित होंगे। अदालत के फैसले के बाद अब बीएड डिग्री धारकों ने सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर कैंपेन शुरु कर दिया है।

क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है जिसके बाद अब सिर्फ BTC  डिप्लोमा धारक ही प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 के लिए पात्र होंगे। इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने BEd डिग्रीधारियों को प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द किया था। इसके खिलाफ बीएड डिग्री धारक सुप्रीम कोर्ट गए थे और B.Ed vs BTC मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला जारी करते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया है। अपने फैसले में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दी गई दलीलों और उनके आधार पर किए गए फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केवल B.Ed होने की सूरत में अभ्यर्थी को अयोग्य  घोषित कर दिया जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने के लिए अब BTC/DElEd  करना अनिवार्य होगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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