Mahakal Bhasma Aarti : श्रावण माह के पहले दिन उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की गई। इसी के साथ महादेव के सबसे प्रिय महीने सावन का शुभारंभ हो गया। राजाधिराज भगवान महाकाल द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजमान हैं और इनके दरबार में सभी पर्वों की शुरुआत सबसे पहले होती है।
यूं तो सालभर ही महाकाल दरबार में भक्तों का जमावड़ा रहता है, लेकिन सावन माह में विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। देश-विदेश से भक्त यहां दर्शनों के लिए आते हैं इसलिए इस महीने दर्शन के समय और अन्य व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन किया जाता है। परंपरानुसार इस बार भी सोमवार मंगरवार की दरमियानी रात 2.30 बजे भगवान महाकाल के पट खोले गए और पूजन का सिलसिला प्रारंभ हुआ। सबसे पहला जलाभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल को दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, फलों के रस और सुगंधित इत्र से स्नान कराया गया। इसके बाद उनका श्रृंगार किया गया। महाकाल को भांग, चंदन, गुलाल, अबीर और सूखे मेवे से श्रृंगारित करने का बाद उनकी दिव्य भस्म आरती की गई।
आज सुबह से ही महाकाल दरबार में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। लोग कतार लगाकर भोलेनाथ को जल चढ़ाकर आशीर्वाद ले रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि सावन महीने के दौरान भगवान महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया है। इस कारण बाहर से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।अधिक मास खत्म होने के बाद गर्भगृह से दर्शन और पूजा की व्यवस्था फिर से शुरु की जा सकेगी। सावन और भादौ महीने भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकलती है और इसमें शामिल होने के लिए भी देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं।