भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी बिजली और किसान के मुद्दे पर कांग���रेस को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने जनसभाओं में वर्तमान कमलनाथ सरकार के बिजली और किसान कर्जमाफी के पूरा नहीं होने का मुद्दा भुना रहे हैं। पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर ही पूरा चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी के वादे के आगे बीजेपी कोई तोड़ नहीं ढूंढ पाई। अब लोकसभा चुनाव में भी वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी इन मुद्दा का सहारा ले रही है।
बीजेपी प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल माफी और गेहूं खरीदी को मुद्दा बनाकर चुनावी रण में उतरी है। वहीं, बीजेपी के आरोपों का जवाब देनेक के लिए कांग्रेस ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी नेताओं ने पूरा ताकत झोंक कर जिन किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया है उनका डाटा तैयार कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश में हवा बना रही है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद से एक बार फिर बिजली कटौती शुरू हो गई है। बीजेपी अपने प्रचार का पूरा फोकस बीजली गुल के मुद्दा पर ही रखना चाहती है। जिससे जनता को बार बार दिग्विजय सरकार के कार्यकाल की याद दिलाई जा सके।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने बिजली कटौती और किसानों के मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार के केंद्र में रखा है। किसानों के यह बताया जा रहा है कि उनका कर्ज सिर्फ कागज पर ही माफ किया गया है। जबकि हकीकत में सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है। बीजेपी गेहूं खरीद प्रक्रिया की निगरानी भी कर रही है ताकि वह चुनावों में हो रही अनियमितताओं को दूर कर सके और किसानों के वोट प्राप्त कर सके।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रियों को अपने चुनाव प्रचार के दौरान बिजली आपूर्ति और गेहूं खरीद के मुद्दों पर सतर्क रहने का निर्देश दिया है। सरकार गेहूं खरीद के लिए किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि को पोस्ट करने और अपने बैंक खातों में भेजने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। नाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो।