भोपाल।रामेश्वर धाकड़| देश के मौजूदा राजनीतिक परिपेक्ष्य में चौकीदार से आश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से है। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ विज्ञापन को लेकर लगाई गई अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। आदेश में आयोग ने माना कि इससे छवि खराब करने की कोशिश हो रही है। विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा नेताओं ने खुद को चौकीदार लिखना शुरू कर दिया । राजनीतिक फायदा लेने के उद्देश्य से कांग्रेस ने राफेल डील मामले में चौकीदार चोर का विज्ञापन जारी किया। देश के कई राज्यों में यह विज्ञापन सोशल मीडिया में कांग्रेस के द्वारा प्रचारित किया जा रहा था। जिसको लेकर मप्र भाजपा ने मुख्य निवार्चन अधिकारी को ज्ञापन देकर कांग्रेस के विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए मप्र के सीईओ वीएल कांताराव ने कांग्रेस के विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के विरोध में मप्र कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा की ओर से अपील की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए सीईओ कांताराव ने आदेश जारी कर कहा है कि चौकीदार से आश्य प्रधानमंत्री मोदी से है। आयेाग के समक्ष शोभा यह साबित नहीं कर पाईं कि विज्ञापन में चौकीदार से आश्य पीएम मोदी से न होकर किसी अन्य व्यक्ति से है।
राहुल गांधी को कोर्ट भेज चुका है नोटिस
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राफेल के संबंध में नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध अपमानजनक भाषा का उपयोग करने पर राहुल गांधी के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना याचिका स्वीकार कर ली गई है और उन्हें नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
पीएम के लिए अशिष्ट भाषा
आयोग ने माना कि विज्ञापन के जरिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अशिष्ट अपमाजनक भाषा का उपयोग किया गया है। यह पूर्वाग्रह है कि चोर का तात्पर्य ‘थीफ’ और चौकीदार का तात्पर्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी से है। आयोग ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अशिष्ट तथा बदनाम करने वाली भाषा का उपयोग करने पर आयोग मायावती, आजम खान, आदित्यनाथ योगी पर संज्ञान ले चुका है।