Employees, Employees Salary HIke : राज्य सरकार द्वारा चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया गया है। इसका लाभ 38000 से अधिक कर्मचारियों को मिलेगा। स्टाइपेंड की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। वहीं अब भर्ती के साथ ही कर्मचारियों को पूरे वेतन का भुगतान किया जाएगा। उन्हें वेतनमान की न्यूनतम वेतन उपलब्ध कराई जाएगी।
आदेश जारी
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। ऐसे में अब सीधी भर्ती में 38000 से अधिक कर्मचारियों को पूरे वेतन का लाभ मिलेगा। इसके लिए अब आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वजीफा प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।
पहले वर्ष से ही पूरे वेतनमान का लाभ
सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को पहले वर्ष से ही पूरे वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इससे पूर्व के नियम में उन्हें चौथे वर्ष से पूरा वेतन उपलब्ध कराया जाता था। सरकार के इस फैसले से 38000 सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को फायदा होना है। मुख्यमंत्री बघेल द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। जिसके बाद अब आदेश जारी किया गया है।
बता दे कि राजीव युवा मितान सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा वजीफा प्रावधान समाप्त करने की घोषणा की गई थी। वहीं कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शासकीय विभाग कार्यालय के साथ सभी निगम मंडल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं आदि में भी सीधी भर्ती के पद पर भर्ती पर इस नियम के प्रावधान को लागू किया गया है।
एरियर की राशि का भुगतान नहीं
कर्मचारियों को इसका लाभ आदेश जारी होने के बाद की तिथि से मिलेगा। उन्हें किसी प्रकार के एरियर की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि सीधी भर्ती पर नियुक्त कर्मचारियों को वेतनमान के न्यूनतम वेतन पर वेतन निर्धारण का लाभ मिलेगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सीधी भर्ती के प्रकरण में 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि के प्रावधान लागू रहेंगे।
न्यूनतम वेतनमान का लाभ
इससे पहले 3 वर्षों तक उनकी सैलरी काटी जाती थी। उन्हें मूल वेतन का 70%, 80% और 90% की दर से 3 वर्षों तक वेतन का भुगतान किया जाता था। चौथे वर्ष से उन्हें पूरे वेतनमान का लाभ उपलब्ध कराया जाता था। अब पहले वर्ष से ही कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक राज्य शासन द्वारा जुलाई 2020 में कोरोना अवधि के दौरान भर्ती नियम में संशोधन किया गया था। जिसमें महामारी को रोकने और कुशल वित्तीय प्रबंधन और प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह फैसला लिया गया था। हालांकि अब इसके प्रावधान में संशोधन किया गया। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता हैं।