पंचायत चुनाव से पहले शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, भ्रष्टाचार अधिकारियों की अब खैर नहीं

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में पंचायत (panchayat) में भ्रष्टाचार (corruption) रोकने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) ने बड़ा फैसला लिया है। आगामी पंचायत चुनाव (pancahayt election) से पहले पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त (State information commissioner) ने बताया कि किसी भी सरकारी राशि का गबन करने पर अब अधिकारी कर्मचारी पर पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 और 92 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल आगामी पंचायत चुनाव से पहले मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पदाधिकारी को पद से हटाने की कार्यवाही के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इस मामले में जानकारी देते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि प्रदेश में किसी पंचायत में भ्रष्टाचार की खबर सामने आती है तो इस मामले में उस पदाधिकारियों को पद से हटाने की कार्रवाई पूरी की जाएगी। इसके साथ ही साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट पर पदाधिकारियों की फोटो अपलोड की जाएगी। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार मामले में पकड़ाए पदाधिकारियों से शासकीय राशि की वसूली की तमाम जानकारी भी जनता के बीच बांटी जाएगी।

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राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि लगातार पंचायतों में भ्रष्टाचार की खबर सामने आ रही है। जिसके बाद भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए फैसला किया गया है। अगर अब कोई सरपंच, पंचायत सचिव सहित पंचायत विभाग एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के धारा 40 और 92 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जहां धारा 40 में पंचायत पदाधिकारी को पद से हटाने संबंधित नियम, वही धारा 92 के तहत पदाधिकारी द्वारा गबन की गई राशि की वसूली का प्रावधान है।

इतना ही नहीं सरपंच पंचायत सचिव व पंचायत विभाग से जुड़े भ्रष्ट पदाधिकारी की पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। ताकि आम आदमी को भ्रष्ट अधिकारियों की सूची प्राप्त हो सके। बता दें कि पिछले दिनों रीवा जिले में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी ने पंचायत विभाग में हो रही कार्रवाई के लिए आरटीआई (RTI) दाखिल किया था। जहां जानकारी उपलब्ध नहीं होने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत पंचायत विभाग में कर दी। जिसके बाद राज्य सूचना आयोग ने पंचायत विभाग की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्णय लिया था।

गौरतलब हो कि पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले में जॉब करते थे लेकिन अब पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इसे पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। वही कोई भी आम आदमी कंप्यूटर पर एक क्लिक के माध्यम से किसी भी भ्रष्टाचार से संबंधित कार्रवाई को देख सकेगा। जिसके लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है।


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