दंतेवाड़ा| लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला हुआ है| नकुलनार के पास विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया है|नक्सलियों ने भीमा मंडावी के काफिले की एक गाड़ी को ब्लास्ट कर उड़ा दिया है| इस हमले में एक पीएसओ, तीन जवान और विधायक भीमा मंडावी के साथ उनका वाहन चालक इस हमले में शहीद हुआ है| डीआईजी सुंदर राज पी ने भीमा मंडावी की मौत की पुष्टि की है| चुनाव से पहले हुए इस हमले से हड़कंप मच गया है|
नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के कुआकोण्डा थाना क्षेत्र के श्यामगिरी में आईईडी ब्लास्ट किया है| इस ब्लास्ट में सुरक्षा बल के जवानों को बड़ा नुकसान होने की सूचना है| बताया जा रहा है कि भाजपा नेता भीमा मंडावी के काफिले की सुरक्षा में जवान लगे थे| इसी दौरान नक्सलियों ने काफिले को निशाना बनाया| हमले में चार जवान शहीद हो गए हैं, वहीं विधायक की भी इस हमले में मौत हो गई है| डीआईजी सुंदर राज पी ने भीमा मंडावी की मौत की पुष्टि की है|
राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 11 अप्रैल को बस्तर संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है। आज प्रचार का आखिरी दिन था और वे प्रचार करके लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने एक दिन पहले ही यहां धमकी दी थी| हमला नकुलनार थाना क्षेत्र के श्यामगिरी क्षेत्र में हुआ। यह स्थान कुआकोंडा के पास है।बताया जाता है कि विधायक श्यामगिरी से जैसे ही निकले वैसे ही नक्सलियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया।
चुनावी समय में जब सभी फोर्सेस अलर्ट पर है और ऐसे समय अगर ब्लास्ट होता है तो यह बड़ी चूक माना जाता है, हमले में खुफिया तंत्र का फेल्युर बताया जा रहा है, जिन्हें पहले से इसकी जानकारी नहीं लग पाई कि विधायक के काफिले पर हमला होना है। बता दें कि भीमा मंडावी बस्तर से भाजपा के एकमात्र विधायक थे। यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने विधायक को इस रास्ते से निकलने के लिए मना किया था। भाजपा विधायक के काफिले के पीछे तीन और वाहन चल रहे थे, जिनमें जवान सवार थे। घटना के तुरंत बाद वहां फायरिंग भी हुई। वाहनों में सवार जवानों ने नक्सलियों पर फायरिंग की। नक्सलियों ने भी दूसरी ओर से गोलियां बरसाईं और फिर वे वहां से भाग खड़े हुए। घटना स्थल को फोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया है। वहां अतिरिक्त बल को भी भेजा गया है। घटना स्थल से शवों को जिला मुख्यालय लाने की तैयारी की जा रही है। चुनाव बहिष्कार के लिए नक्सली जिस तरह की दहशत फैला रहे हैं, ऐसी स्तिथि में मतदान के लिए ग्रामीणों को मतदान स्थल तक लाना बड़ी चुनौती चुनाव आयोग के लिए होगा|