भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मछुआरों के लिए अच्छी खबर है। शिवराज सरकार (Shivraj Government) जल्द ही मछुआ कल्याण और मछली पालन के लिए संशोधित मछुआ नीति (fishing policy) लाएगी। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने संशोधित नीति का ड्राफ्ट बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए है।शिवराज सरकार की इस संशोधित नीति में जनजातीय समाज को विशेष सुविधा मिलेगी।
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दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और शिवराज सरकार में जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य-विकास मंत्री तुलसी सिलावट (tulsi silavat) ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में मछुआरों की आर्थिक उन्नति, जनजातीय भाइयों को विशेष अधिकार और मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए संशोधित मछुआ नीति बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया जाए।इसके लिए पड़ोसी राज्यों की मछुआ नीति का अध्ययन भी करें और उनके हितकारी बिंदुओं को ड्राफ्ट में शामिल किया जाए। साथ ही विशेषज्ञों की सलाह भी ली जाए।
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan)भी चाहते हैं कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा मछली उत्पादन हो। इसके लिए जरूरी नीति और योजना बनाकर उनसे मछुआ समुदाय के युवाओं को जोड़ना होगा। नई नीति बनाकर मध्य प्रदेश को देश में मछली उत्पादन के क्षेत्र में नंबर वन बनाना है। इसके लिए मछली उत्पादन के लिए जरूरी व्यवस्थाएँ और जरूरी संसाधनों को सुलभ करवाना होगा। देश में अच्छा काम कर रही मछुआ पालन समितियों, मत्स्य पालकों, मत्स्य विभाग के पूर्व अधिकारियों की राय लेकर नई संशोधित नीति की ड्राफ्टिंग करनी होगी।
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मंत्री तुलसी सिलावट ने अधिकारियों से कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (Gujarat, Maharashtra and Chhattisgarh) में मछली पालन के क्षेत्र में अच्छा कर रहे समितियों को देखकर उनसे भी सीखने की जरूरत है। प्रदेश में बालाघाट ने देश में मछली उत्पादन में विशेष कार्य किया है। बालाघाट की समितियों को अगले सप्ताह भोपाल बुलाया जाए मैं स्वयं उनसे चर्चा करूंगा। मत्स्य-पालकों को जल्द से जल्द मछुआ क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जाए। मछुआ समाज के मेधावी छात्रों को भी सम्मानित करने के लिए जल्द से जल्द उनकी सूची तैयार करने को कहा।
रूपरेखा तैयार करें,, अलग से नीति बनाएं
मंत्री सिलावट ने कहा कि मत्स्य-उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (Narmada Valley Development Authority)के जलाशयों में मत्स्य-पालन भी रूपरेखा तैयार की जाए। प्रदेश में संचालित सक्रिय समितियों को प्रोत्साहित किया जाए और निष्क्रिय समितियों को खत्म कर नई समिति का गठन किया जाए।वही प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लॉक में रहने वाले जनजातीय समाज को मछली पालन से जोड़ने के लिए अलग से नीति तैयार करने के निर्देश दिए। जनजातीय समाज पहले से मछली पालन के क्षेत्र से जुड़ा रहा है अब उनको भी मछली पालन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलना चाहिए। मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवाचार करने के भी निर्देश दिए।