भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers) के लिए राहत भरी खबर है।सतना और मंडला समेत प्रदेश के 13 जिलों के किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान उपार्जन के लिए पंजीयन की अनुमति मिली है।इसके तहत पंजीयन की अंतिम तिथि बीत जाने के बावजूद सतना जिले के 658 किसानों को पंजीयन कराने की अनुमति मिली है।वही मंडला में पंजीयन के लिए शेष किसानों का 12 केन्द्रों में 26 अक्टूबर तक पंजीयन होगा।
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मिली जानकारी के अनुसार, खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 (Kharif Marketing Year 2021-22) में धान उपार्जन (paddy procurement) के लिए किसानों के पंजीयन की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर 2021 तक पंजीयन के लिए लंबित आवेदनों वाले 658 किसानों के पंजीयन की अनुमति प्रदान की गई है। इन किसानों के आवेदन के अनुसार पंजीयन करने और सभी 658 किसानों की पंजीयन प्रक्रिया 26 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिन किसानों के पंजीयन पूर्ण करने की अनुमति दी गई है, उनमें 26 सेवा सहकारी संस्था के पंजीयन केंद्र के 658 किसान शामिल हैं।
इसके अलावा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा खरीदी के लिए मंडला जिले के 12 केन्द्रों के 1239 किसानों का पंजीयन 26 अक्टूबर की सायं 5 बजे तक किया जा सकेगा। इस संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय (Directorate of Food, Civil Supplies and Consumer Protection) द्वारा जिले से भेजे गये प्रस्ताव के आधार पर मण्डला सहित प्रदेश के 13 जिलों को शेष किसानों के पंजीयन के लिये विशेष अनुमति प्रदान की गई है जिसमें मंडला जिले के 12 केन्द्रों के 1239 किसान शेष हैं।
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जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि पंजीयन से छूटे किसानों में आ.जा.से.सह समिति नारायणगंज के अंतर्गत 5, खलौड़ी के अंतर्गत 650, अंजनिया के अंतर्गत 20, ककैया के अंतर्गत 10, मोहगांव के अंतर्गत 20, मुनू के अंतर्गत 30, घुघरी के अंतर्गत 10, दानीटोला के अंतर्गत 450, समिति चाबी के अंतर्गत 25, सिंगारपुर के अंतर्गत 5, विपणन सहकारी समिति नैनपुर के अंतर्गत 4 तथा विपणन सहकारी समिति बिछिया के अंतर्गत 10 किसान शामिल हैं।
ये है पूरी प्रक्रिया
- किसान अब अपना पंजीयन डाटाएंट्री के अलावा एमपी किसान एप (MP Kisan App), प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में उपार्जन और पंजीयन करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं FPO द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र से भी करा सकेंगे।
- इसके अलावा सिकमीदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति, FPO और महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केन्द्रों में ही करा सकेंगे। प्रदेश में 1718 पंजीयन केन्द्र बनाए गए है।
- वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराना होगी।
- किसान से उपज के विक्रय के लिये 3 संभावित दिनांक प्राप्त की जायेंगी, जिसे पंजीयन के समय दर्ज किया जायेगा।
- किसानों को भुगतान जेआईटी के माध्यम से सीधे उनके खाते (Bank Account) में किया जायेगा।
- केवल राष्ट्रीयकृत एवं जिला केन्द्रीय बैंक की शाखाओं के एकल खाते ही मान्य होंगे।
- किसान को बोई गई फसल की किस्म, रकबा तथा विक्रय योग्य मात्रा, फसल के भंडारण स्थान की जानकारी भी आवेदन में दर्ज कराना होगी।
- सिकमी एवं बटाईदार श्रेणी के ऐसे किसान उपार्जन के लिये आवेदन कर सकेंगे, जिनके पास कुल रकबा 5 हेक्टेयर से अधिक नहीं होगा।
- ऐसे किसानों के अनुबंध की एक प्रति पंजीयन कराने वाले व्यक्ति और कृषक द्वारा संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध कराना होगा।
- पंजीयन के समय सिकमी और बटाईदार के साथ मूल भू-स्वामी के आधार नम्बर की जानकारी भी ली जाएगी। पंजीयन के लिये 15 अगस्त 2021 तक कराये गये अनुबंध ही मान्य होंगे।
- किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल से संतुष्ट ने होने पर पंजीयन के पूर्व संशोधन हेतु गिरदावरी में दावा-आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
- आपत्ति का निराकरण होने एवं ई-उपार्जन पोर्टल (e-procurement portal) पर किसान की संशोधित जानकारी आने पर ही पंजीयन किया जा सकेगा।
- ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के रकबा, फसल एवं किस्म का सत्यापन SDO/नायब तहसीलदार द्वारा किया जायेगा।