MP Employees DA Hike 2023 : चुनावी आचार संहिता के बीच चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों को 4 फीसदी डीए बढ़ना तय हो गया, लेकिन मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को डीए को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी है।कर्मचारियों का कहना है कि वोटिंग होने के इतने दिन बाद भी अबतक राज्य सरकार द्वारा डीए के संबंध में कोई पहल नहीं की गई है।
देरी के चलते कर्मचारियों में बढ़ रही नाराजगी
कर्मचारी-अधिकारी संगठनों का कहना है कि चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक डीए भुगतान पर अस्थायी रोक लगाई थी, लेकिन मप्र सरकार जानबूझकर कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों के भुगतान में देर कर रही है, इसके लिए अबतक सरकार द्वारा प्रयास नहीं किया गया है, जबकी राजस्थान छत्तीसगढ़ में अनुमति दे दी गई है। सरकार चाहती तो स्पष्ट अभिमत लेने के लिए चुनाव आयोग को दोबारा पत्र लिखकर अनुमति मांग सकती है, लेकिन ऐसे नहीं हुआ है, इससे कर्मचारियों को हर महीने बड़ा नुकसान हो रहा है। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का भी कहना है कि राजस्थान छग के बाद अब राज्य सरकार को भी जल्द इस संबंध में पहल करना चाहिए, ताकी कर्मचरियों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।
मतदान से पहले सरकार ने भेजा था 4% डीए वृद्धि का प्रस्ताव
दरअसल, मप्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले दीवाली के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि दीपावली के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों और पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया गया है। इससे राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के बराबर हो जाएगा। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
इस दौरान 17 नवंंबर को मतदान के चलते चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान नहीं की थी और कहा था कि यह ऐसा विषय नहीं है कि जिस पर तत्काल अनुमति आवश्यक हो, इसलिए मतदान के बाद इस संबंध में मार्गदर्शन दिया जाएगा यानि चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक भत्ते के भुगतान पर अस्थायी रोक लगाई थी।
अब चुंकी वोटिंग हो चुकी और दिसंबर में नतीजे घोषित किए जाएंगे, लेकिन अबतक कर्मचारियों के डीए पर फैसला नहीं हो पाया है।हालांकि बीते दिनों खबर आई थी कि मतगणना के पहले वित्त विभाग ने फिर चुनाव आयोग से 4 फीसदी डीए वृद्धि के लिए अनुमति मांगी है।अबतक सातवें वेतन आयोग के कर्मचारियों को 42% डीए का लाभ मिल रहा है। केन्द्र और अन्य राज्यों में 4% डीए देने के फैसले के बाद अब एमपी के कर्मचारियों को भी 46 प्रतिशत महंगाई भत्ते का इंतजार है।
4 फीसदी वृद्धि के बाद होगा 46 फीसदी डीए
वर्तमान में राज्य कर्मचारियों को 42 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा है और 4 फीसदी वृद्धि के बाद यह 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा। चुंकी यह जुलाई 2023 से लागू होगा, ऐसे में जनवरी से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा। 46 फीसदी डीए होने पर कर्मचारियों को 600 रुपए से लेकर 5700 रुपए तक का लाभ होगा। इससे प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी लाभान्वित होंगे। कयास लगाए जा रहे है कि अगले हफ्ते तक इस पर फैसला हो सकता है। इसके बाद प्रदेश के शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगा।एरियर और भत्ते के साथ सरकार पर कुल 350 करोड़ रुपए का भार आएगा।