भोपाल। भोपाल लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान थमने का नाम नहीं ले रहे। गुरूवार को सीहोर जिले में उन्होंने जनसभा में कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह पर अप्रत्यक्ष तौर पर नाशाना साधाते हुए उन्हें आतंकी बता दिया। उन्होंने दिग्गी का नाम लिए बिना ही कहा कि उन्होंने यहां से लोगों का रोजगार छीन लिया है। उन्होंने बेरोजगारी को बढ़ावा दिया है। उनके इस बायन पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ती जताते हुए साध्वी की चुनाव आयोग में शिकायत करने की बात कही है।
दरअसल, चनाव प्रचार के दौरान नेताओं की बदजुबानी रुकने का नाम नहीं ले रही। जैसे जैसे चुनाव का वक्त पास आ रहा है वैसे ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। और इस दौरान वह शब्दों की सीमा भी याद रखना जरूरी नहीं समझ रहे। एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने विवादित बयान दिया है। वह सीहोर जिले में एक जन सभा को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने दिग्गी का नाम लिए बिना ही निशाना साधते हुए उन्हें आतंकी कह दिया। उन्होंने सभा में कहा कि, यहां फैक्टरी बंद करवाईं, उन्होंने गन्ना मिल और तेल मिल समेत कई तरह के कारोबार यहां से खत्म कर गुना ले गए। उन्होंंने अपना कारोबार बढ़ाया। यहां के लोगों को बोरोजगार कर दिया, ये आस सब खुद भोगे हुए हैंं। इसलिए अब फिर से इस आतंकी का समापन करने के लिए फिर से सन्यासी को खड़ा होना पड़ा है। 2003 में उमा दीदी ने हराया था, 16 वर्षों से ये मुंह नहीं उठा पाया था, और अब फिर से ये उगा है तो अब एक बार फिर सन्यासी सामने आ गई है। जो इसके कर्मों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अब फिर जो समापन होगा तो ये उठ नहीं पाएगा।
कांग्रेस करेगी चुनाव आयोग में शिकायत
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने साध्वी के बायन पर कड़ी आपत्ती जताते हुए कहा है कि वह चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे। दिग्विजय सिंह वर्तमान में राज्य सभा सांसद हैं। वह प्रदेश के दस साल मुख्यमंत्री रहे हैं। इस तरह की बयानबाजी के खिलाफ हम चुनाव आयोग जाएंगे।
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा का बीजेपी उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही विवादित बयानों का भी सिलसिला जारी है। उन्होंंने सबसे पहले शहीद हेमंत करकरे को श्राप देने की बात कही थी। जिसके बाद देश भर में पार्टी की किरकिरी हुई और उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगना पड़ी। उसके बाद उन्होंने बाबरी मस्जीद के विवादित ढांचे पर भी बयान दिया जिसके बाद उन्हें चुनाव आयोग से नोटिस भी दिया गया था।