MP Politics : बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई और अब बीजेपी कांग्रेस दोनों ही इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस ने सदन में चर्चा नहीं की सिर्फ हंगामा किया। वहीं कमलनाथ ने कहा है कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं थी और उन्हें इस बात की पहले से आशंका थी कि महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोज़गारी, कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सदन में बहस करने का सरकार में नैतिक साहस नहीं है।
नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को कहा ‘पलायनवादी’
मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र 5 दिन की बजाय 2 दिन में ही खत्म हो गया। दूसरे दिन भी कुछ घंटों में ही हंगामे के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब इस मुद्दे पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सदन का फ्लोर चर्चा के लिए होता है लेकिन कांग्रेस केवल हंगामा करने का काम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन में चर्चा को छोड़ कर सब काम करती है। गृह मंत्री ने कहा कि ‘वैसे भी आज कांग्रेस का मौन धरना था, गांधी परिवार को खुश करना उनकी पहली प्राथमिकता है। इसलिए पहले कमलनाथ जी निकल गये , फिर बाकी सब निकल गये।’ उन्होने कहा कि कांग्रेस के लोग पलायनवादी है। चर्चा से भागते है। कांग्रेस ने जनता से जुड़े कौन से मुद्दे उठाए। उन्हें न आदिवासियों की चिंता है , न किसान की चिंता है, न महिलाओं की चिंता है और न ही बेरोजगारों की चिंता है। उन्हें केवल गांधी परिवार की चिंता है। उन्हें खुश करने के लिए जिस तरह सदन के फ्लोर का उपयोग किया गया, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम तो सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार थे लेकिन वह चर्चा करना ही नही चाहते थे। विपक्ष पूरे समय हंगामा करता रहा । विपक्ष का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता की गाढ़ी कमाई से यह सदन चलता है । इस तरह बिना सार्थक चर्चा के सत्र का समापन दुखद है।