भोपाल/छतरपुर।
लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी को लगातर झटके लग रहे हैं। टिकट वितरण से खफा नेता दल छोड़ टिकट की आस में दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं। छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति ने पार्टी छोड़ दी है। वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। वह टीकमगढ़ लोकसभा से टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन बीजेपी ने वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री विरेंद्र खटीक पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से मैदान में उतारा है। जिससे नाराज प्रजापति ने सपा का दामन थाम लिया, प्रजापति अब खटीक के सामने सपा की टिकट पर मैदान में होंगे।
आरडी प्रजापति ने मंगलवार को लखनऊ स्थिति सपा मुख्यालय में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने पार्टी की सदस्यता ली। इस मौकेे पर उनके साथ एमपी से सपा केे इकलौते विधायक राजेश शुक्ला मौजूद रहे। उनके सपा में जाने के बाद ही प्रजापति को टीकमगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया गया है। यही नहीं खजुराहो से पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल को सपा ने उम्मीदवार बनाया है। बुंदेलखंड में सपा का बड़ा वोटबैंक है। हालांकि, इससे पहले सपा को लोकसभा चुनाव में कोई भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। विधानसभा चुनाव में सपा को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली थी।
एमपी में साइकल-हाथी साथ
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही सपा और बसपा ने एमपी में भी गठबंधन किया है। सपा ने बालाघाट, टीकमगढ़ और खजुराहो सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। वहीं, शेष 26 सीटों पर बसा अपने उम्मीदवार उतारेगी। आरडी प्रजापति बीजेपी से टीकमगढ़ से टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन उनकी दावेदारी किसी काम नहीं आई। पार्टी ने वर्मान सांसद को ही टिकट दिया है। जिससे नाराज होकर प्रजापति ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया और वह सपा में शामिल हो गए। जबकि उनके पुत्र राजेश प्रजापति छतरपुर जिले के अकेले बीजेपी विधायक है। आरडी प्रजापति ने खटीक का टिकट कटवाने के लिए क्षेत्र के अन्य पूर्व विधायकों के साथ जबरदस्त मोर्चा खोला, पार्टी हाई कमा को चिट्ठी तक लिखी, भोपाल पहुंचकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से टिकट मांगी, लेकिन इस तमाम विरोध को नजरअंदाज कर पार्टी हाई कमान ने वीरेंद्र खटीक को टीकमगढ़ से रिपीट किया, लेकिन अब यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है।