भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर के खालसा कॉलेज में गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) का विरोध किए जाने पर बीजेपी (BJP) सामने आ गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेई (Dr. Hitesh Bajpai) ने इस मामले पर तंज कसते हुए कहा है ’84 के आरोपी।’ वहीं बीजेपी नेता सुरेंद्र शर्मा (Surendra Sharma) ने कहा है कि ‘देखना होगा कि रागियों की इतनी खरी खरी के बाद राहुल गांधी की यात्रा के लिए अब भी खालसा कॉलेज उपलब्ध कराया जाएगा।’
हितेश बाजपेई ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘जब मैंने यह सुना किस सिख समाज के प्रतिष्ठित लोग कांग्रेस नेताओं का स्वागत कर रहे हैं तो उसी समय मेरे मन में यह ख्याल आया ये ऐसा कैसे कर सकते हैं? उनका स्वागत कैसे किया जा सकता है जिनके नेताओं ने 1984 के दंगों में सिखों को मारा हो।’ एक ट्वीट करते हुए उन्होने कमलनाथ की इस कार्यक्रम में सम्मिलित होते हुए तस्वीरें शेयर की और लिखा है चौरासी के आरोपी। वहीं बीजेपी नेता सुरेंद्र शर्मा ने भी इस घटना के बाद सवाल किया है कि क्या अब भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए खालसा कॉलेज दिया जाएगा। वहीं उन्होने तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ जी की चक्की बहुत बारीक पिसती है, देखना होगा कि अब उनकी चक्की में कौन कौन पिसेगा।
बता दें कि मंगलवार को गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर इंदौर के खालसा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में कमलनाथ का जमकर विरोध हुआ और उनके खिलाफ नारे भी लगे। यहां पहुंचे कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी (Manpreet Singh Kanpuri) ने मंच से कमलनाथ का विरोध किया और वहां मौजूद लोगों को खरी-खरी सुना दी। मुख्य कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने भरी सभा में कमलनाथ (protest against kamal nath) के आने पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होने कहा कि जिस व्यक्ति ने चौरासी के दंगों मे गले में टायर डालकर सिखों को जिंदा जलाया, उसे कार्यक्रम में क्यों बुलाया गया। उन्होने कहा कि ‘मुझे ये बात नहीं समझ आ रही, आप किस सिद्धांत की बात कर रहे हैं, ये क्या राजनीति है।’ इस बीच लोग सत श्री अकाल के जयकारे लगाने लगे तो उन्होने इसपर भी गुस्सा जताते हुए कहा कि अपने जयकारे रहने दो। इसके बाद उन्होने नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘इसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला। तुम लोगों के अंदर जमीर ही नहीं है, हमारी कौम मरी हुई है और याद रख लो कि दुबारा भुगतोगे। तुम लोगों को बात ही समझ नहीं आती है। मां की दाल खाकर तुम सबका दिमाग मां की दाल बन गया है। कुछ समझ ही नहीं आता है। अगर तुम लोग जिंदा होते ये काम नहीं होता। मैं भी तो बोल ही रहा हूं।’ इसी के साथ उन्होने कीर्तन करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि मैं आज कीर्तन नहीं करूंगा और अब अपने जीवन में कभी दुबारा इंदौर नहीं आऊंगा। उन्होने कहा कि मैं वचन लेकर जा रहा हूं कि अब कभी इंदौर नहीं आऊंगा। इस बीच कुछ कुछ कांग्रेसियों ने बीच बचाव का प्रयास किया, लेकिन वो असफल रहे।