जबलपुर। भेड़ाघाट में हुई ऋषभ जैन की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने इस मामले में जहां ऋषभ की मूर्ति की दुकान में काम करने वाले कारीगर शिब्बू भूमिया को गिरफ्तार किया है, वहीं नर्मदा सेवा प्रकल्प में मंडल अध्यक्ष के रूप में पदस्थ पुरूषोत्तम रजक और बाबू नामक युवक भी गिरफ्तार हुए है। मामला फिरौती से जुड़ा है, इन तीनों आरोपियों पर हजारों रूपए का कर्ज है जिसे ये चुकाना चाहते थे लेकिन पैसा नहीं था।
करीब 15 दिनों से ये तीनों शिकार की तलाश में थे, जब कोई इनके चंगुल में नहीं फंसा तो इन्होंने ऋषभ को साजिश के तहत नर्मदा तट पर बुलाया और शराब पिलाकर नशे में चूर किया फिर बाबू ने ऋषभ को बेहोश करने के लिए उसके सिर पर पत्थर मार दिया लेकिन चोट इतनी जोर से लगी कि ऋषभ के सिर के पिछले हिस्से से खून बहने लगा। हड़बड़ी में बाबू ने उसके सिर पर एक बड़ा पत्थर और पटक दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद इन तीनों ने एक बोरी ऋषभ को भरकर घटना स्थल से करीब 200 मीटर दूरी पर स्वर्गद्वारी में ले जाकर रेत में गाड़ दिया। घटना को अंजाम देने के बाद ये तीनों वहां से भाग गए।
दूसरे दिन जब पुलिस ने ऋषभ के परिजनों की शिकायत पर उसकी तलाश शुरू की तो नर्मदा तट के आसपास छानबीन के दौरान पुलिस को यह शव रेत में दबा हुआ मिल गया। तकनीकी साक्ष्य और पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पुरूषोत्तम और शिबू को हिरासत में लेकर पूछताछ की लेकिन शुरू में उन्होंने खुद को इस वारदात से बचाने की कोशिश की लेकिन जब पुलिस ने इनके मोबाइल की लोकेशन और काॅल डिटेल निकाली तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। पुरूषोत्तम और अन्य दोनों की लोकेशन ऋषभ के साथ ही मिली। सख्ती से पूछताछ में इन्होंने बताया कि इनके ऊपर काफी कर्ज हो गया है जिसे चुकाने के लिए ये किसी के अपहरण और फिरौती की योजना बना रहे थे लेकिन जब कोई नहीं मिला तो इन्हेांने ऋषभ को अपने जाल में फंसाकर उसकी हत्या कर दी। इस वारदात का मुख्य आरोपी पुरूषोत्तम राष्ट्रीय बजरंग दल के नर्मदा प्रकल्प का मंडल अध्यक्ष है वहीं मृतक ऋषभ भी बजरंग दल का सक्रिय कार्यकर्ता था और कुछ महीनों से उसे भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर मंत्री का प्रभार भी सौंपा गया था। बहरहाल पुलिस अब इन तीनों आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का प्रयास कर रही है।