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Mon, Dec 8, 2025

लॉकडाउन के बाद टूटा रिकॉर्ड, मप्र में 6489 नए कोरोना पॉजिटिव, 37 ने हारी जिंदगी

Written by:Pooja Khodani
लॉकडाउन के बाद टूटा रिकॉर्ड, मप्र में 6489 नए कोरोना पॉजिटिव, 37 ने हारी जिंदगी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र (MP) में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच चुकी है, आज सामने आए आंकड़ों ने अब तक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। बीते 24 घंटों में 6489 नए कोरोना मरीज मिले हैं और 37 की मौत हो गई है।चौंकाने वाली बात तो ये है कि यह आंकड़े प्रदेश के अधिकतर जिलों में लॉकडाउन (Lockdown) और जनता कर्फ्यू के बाद सामने आए है। इन आंकड़ों ने एक बार फिर मप्र सरकार (MP Government) की चिंता बढ़ा दी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,मप्र में रविवार को कुल 38,306 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसमें से 6489 संक्रमित मिले हैं, इसके बाद संक्रमण की दर रिकार्ड स्तर पर 17 फीसद पहुंच गई है। इंदौर में 923, भोपाल में 824, ग्वालियर में 497 और जबलपुर में 469 नए केस सामने आए हैं।वही 37 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि में हालात कितने भयावह बन हो गए है।

वर्तमान स्थितियों पर गौर करें तो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के बाद विदिशा, उज्जैन, सागर, राजगढ़, रतलाम, रीवा, नरसिंहपुर, बालाघाट, बड़वानी और बैतूल में भी हालात बिगड़ना शुरु हो गए है और अब होज 100 से अधिक केस मिल रहे हैं। अब केवल सीधी, निवाड़ी सहित 7 जिले ऐसे हैं जहां एक दिन में 20 या उससे कम केस मिल रहे हैं।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि मप्र में Remedicivir Injection की आपूर्ति लगातार जारी है, मुझे विश्वास है कि दो तीन दिन में इसका संकट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। ये इंजेक्शन मेडिकल कॉलेज (Medical College) और ज़िला अस्पतालों (Hospital) में लगातार भेजे जा रहे हैं।ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 2,000 ऑक्सीजन (Oxygen) कंसेंट्रेटर खरीदने के ऑर्डर दिए गए हैं। पेशेंट बढ़ेंगे तो सिलेंडर के साथ ही कंसेंट्रेटर भी काम आएंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आवश्यक उपकरण और दवाओं की कमी न आये, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।हमने निजी अस्पतालों को ऑफर दिया है कि उन्हें हम जगह उपलब्ध कराएंगे और वे अपना सिस्टम लगाएँ और अपना अस्पताल प्रारम्भ करें। कुछ लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, उनसे चर्चा जारी है। हम हर हालत में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं।