भोपाल। मध्य प्रदेश में नए साल में सरकार कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए रणनीति जरूर तैयार कर रही है लेकिन प्रदेश की आर्थिक हालात देखते हुए इस बार बजट का आकार घट सकता है। साल 2020-21 का बजट दो लाख करोड़ से कम होने के आसार हैं। देश भर में आर्थिक तंगी के चलते प्रदेश में भी इसका प्रभाव पड़ा है। प्रदेश के खर्च लगातार बढ़ रहे है। वहीं, राजस्व वसूली का लक्ष्य में पिछड़ रहे हैं।
बजट को लेकर हुई बैठक में मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए मुठ्ठी थोड़ा बंद करके चलनी पड़ेगी। जो मौजूदा बजट दिया गया है, उसमें भी कटौती होगी। अधिकारी स्वयं ऐसी योजनाओं को छांट लें, जिनमें कटौती कर सकते हैं। विभागों को इस बार बजट की सीमा भी 10 से 15 प्रतिशत घटाकर दी गई है।
चालू वर्ष का 2.33 लाख करोड़ का है बजट
वर्ष 2019-20 में सरकार ने दो लाख 33 हजार 605 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया था। इसमें दो लाख 14 हजार 85 करोड़ रुपए शुद्ध व्यय के लिए रखे गए। सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र और राज्य के कर और सहायता अनुदान के तौर पर एक लाख 79 हजार 353 करोड़ रुपए हासिल होंगे। राज्य के कर में 23.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था, लेकिन आर्थिक सुस्ती ने सारे गणित गड़बड़ा दिए।
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि अब इस लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल है। केंद्र सरकार से जो कर प्राप्त होना था, उसमें अकेले जीएसटी में ही अभी 3600 करोड़ रुपए राज्य को कम मिले हैं। केंद्रीय करों के हिस्से में से दो हजार 700 करोड़ रुपए पहले ही घटाए जा चुके हैं।