भोपाल। मध्य प्रदेश में बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होने वाला है। नई सरकार का पहला बजट सत्र होगा। लेकिन इस बार विधानसभा में सरकार के लिए उनके ही विधायक मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। कांग्रेस विधायकों ने जो सवाल विधानसभा में भेजे हैं वह सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। बताया जा रहा है ऐसे में विपक्ष से कहीं ज्यादा सरकार अपने ही विधायकों से घिर सकती है।
इस विधानसभा सभा में बजट सत्र के दौरान सरकार को कई सवालों के जवाब देना हैं। अब तक कुल 700 सवाल सचिवालय को मिल चुके हैं। बजट सत्र में इन सवालों में विपक्षी पार्टी बीजेपी के अलावा कांग्रेस के विधायकों ने ही सरकार से ऐसे वाल किए हैं जो सत्र के दौरान उसके लिए मुसीबत बन सकते हैं। इनमें घोटालों को लेकर अब तक आरोपियों पर क्या कार्रवाई हुई है, कांग्रेस के वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा करने संबंधित सवाल विधायकों ने पूछे हैं।
बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है। जो चार दिन यानि 21 फरवरी चक चलेगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक जो सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं वह सवाल पूछ कर सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। कैबिनेट गठन होने के बाद की विधायकों ने उनके कैबिनेट में शामिल नहीं हेने पर नाराजगी जाहिर की थी। इनमें वरिष्ठ विधायक केपी सिंह और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी शामिल हैं। अब देखना होगा विधानसभा में हंगामे की स्थिति ���िपक्ष खड़ी करेगा या फिर स्वयं कांग्रेस के विधायक। अब सरकार के सामने उनके खुद के विधायकों से निपटने की चुनौती है।
क्या हैं विधायकों के सवाल ?
-जन आयोग गठित न होने को लेकर सवाल
-2008 से 2018 के दौरान हुए घोटालों की जांच को लेकर सवाल
-व्यापम, डंपर, गृह निर्माण, ई टेंडरिंग, गेहूं खरीदी, पौधारोपण घोटाले को लेकर सवाल
-सत्र के दौरान पूछने के लिए 700 से ज्यादा सवाल आए
-18 से 21 फरवरी तक चलेगा बजट सत्र