मंत्रिमंडल विस्तार बड़ी चुनौती, बिगड़ सकता है संतुलन

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भोपाल| मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने अपने छह माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है| इन छह महीनों में संघर्षपूर्ण स्तिथि से सरकार को गुजरना पड़ा, अपनों को साधना और सरकार को स्थिर रखने के साथ ही चुनाव में किये गए वचनों को पूरा करना जहां मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए मुश्किलों भरा रहा है, वहीं अब मंत्रिमंडल विस्तार भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है| शुरुआत से ही नाराज विधायकों के तेवर देखने को मिले हैं, जिसके चलते उन्हें मंत्री बनाये जाने का आश्वासन दिया गया था| लोकसभा चुनाव में बिगड़े समीकरणों के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही होने की संभावना है, लेकिन किन मंत्रियों को बाहर का रास्त दिखाकर किस किसको शामिल किया जाए इसको लेकर भी बड़ी माथापच्ची करनी होगी| क्यूंकि पार्टी के सभी पॉवर हाउस को साधना होगा| अगर फेरबदल सबके मनमाफिक नहीं हुआ तो संतुलन बिगड़ सकता है| यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार होने के बावजूद कमलनाथ सभी की रजामंदी से यह फैसला लेना चाहते हैं| पूरा होमवर्क होने के बाद ही कमलनाथ इस फैसले पर मुहर लगाएंगे| 

कैबिनेट विस्तार की अटकलों से मंत्रियों में हलचल है, जिस तरह कमलनाथ की सोनिया गाँधी को लिखीचिट्ठी की चर्चा सियासी गलियारों में आई, तब से ही हलचल बढ़ गई है और मंत्रियों में असुरक्षा की भावना दिखाई दे रही है। कुछ मंत्री की सक्रियता बढ़ गई है तो कुछ परफार्मेंस के नाम पर हटाए जाने की अटकलों से सहमे हुए हैं| वहीं मंत्रिमंडल में अब किसका नंबर लगेगा वो भी अपने तेवर दिखा रहे हैं| 

बिगड़ सकता है संतुलन

सरकार के छह माह में ही मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल से असंतोष बढ़ सकता है| इसके लिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही गुटीय संतुलन साधना होगा| नाथ सरकार को मंत्रिमंडल बनाने में एक सप्ताह से ज्यादा का समय लगा था। तब गुटीय संतुलन और कैबिनेट-राज्यमंत्री व विभागों के बंटवारे पर कांग्रेस के दिग्गजों के बीच कई दौर की बैठकें हुई थीं। इसमें वरिष्ठता-कनिष्ठता व अनुभव को दरकिनार कर सभी को कैबिनेट मंत्री बनाने का फैसला हुआ और विभाग बंटवारे में भी गुटीय संतुलन बनाने के प्रयासों का खामियाजा सरकार क�� परफार्मेंस पर पड़ा। माना जा रहा है फिर सरकार मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ मंत्रियों को हटाने की कोशिशों के बीच अपनों से ही घिरती नजर आ रही है। जिन मंत्रियों को हटाने की चर्चा है, उनमें तीन अनुसूचित जाति, एक पिछड़ा वर्ग और एक आदिवासी वर्ग से आते हैं। इनमें से ज्यादातर बड़े जनाधार वाले नेता हैं लेकिन मंत्री के तौर पर उनका परफार्मेंस बेहद खराब रहा है। इससे क्षेत्रीय और जातीय संतुलन गड़बड़ाएगा। यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के कारण पनपने वाले असंतोष के मद्देनजर इसे विधानसभा पावस सत्र के बाद तक के लिए टाला जा सकता है।

सिंधिया समर्थक मंत्रियों में हलचल 

लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार से समर्थक मंत्री परेशान हैं और सिंधिया को पावरफुल बनाने की मांग कर रहे हैं| उन्हें प्रदेश की कमान सौंपे जाने की मांग कर रहे हैं| इसी के साथ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों से भी सहमे हुए हैं| अगर परफॉर्मेंस के आधार पर इनमे से किसी को बाहर किया जाता है तो कुछ नाराज हो सकते हैं| इसको लेकर अंदरखाने रणनीति भी बनाई गई है|  सूत्रों के मुताबिक सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने रविवार की रात अपने एक साथी के बंगले पर डिनर पार्टी का आयोजन किया। इसमें आधा दर्जन मंत्री मौजूद थे। मंत्रियों ने अपनी-अपनी समस्याओं को एक-दूसरे के सामने रखा। कुछ मंत्रियों ने अपने विभाग के प्रमुख सचिवों के रवैए पर आपत्ति जताई तो कुछ ने अन्य स्टाफ के कामकाज के तरीके को काम में बाधा बताया। मंत्रियों ने परफार्मेंस को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि नौकरशाही काम में आड़े आएगी तो वे क्या करेंगे? यह भी आरोप लगाया गया कि जानबूझकर उन्हें ऐसे अड़ियल अफसर दिए गए हैं, जिनके कारण फैसलों में देरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी। उनकी यह मुलाकात मुख्यमंत्री कमलनाथ के दिल्ली में पहुंचने से पहले हुई थी और तब से ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हुई थी।  

दिग्विजय खेमे के ज्यादा नाम 

मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है तो इसमें एक बार फिर दिग्विजय सिंह समर्थक मंत्री बनने की दौड़ में ज्यादा है| इनमें एदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, केपी सिंह जैसे वरिष्ठ नेता हैं। वहीं, सिंधिया समर्थकों में राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, राणा विक्रम सिंह हैं। इनके अलावा जयस के संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा भी मंत्री पद लेने के लिए प्रयासरत हैं। पहले से ही दिग्विजय सिंह गुट के मंत्री पॉवर में है, हालाँकि दोनों ही नेताओं के कुछ मंत्रियों की छुट्ठी हो सकती है| जिसके बदले उनकी ही पसंद को तबज्जो दी जायेगी| 


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