कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, मिलेगा नियमितीकरण का लाभ, सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू की प्रक्रिया, 17 सितंबर को होगी परीक्षा

Kashish Trivedi
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Employees Regularization, Employees News : राज्य सरकार एक बार फिर से कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ देगी। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए तैयारी शुरू कर दी है। 17 सितंबर को इसके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश में मंत्री स्थापना में लंबे समय से कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए मंत्रियों द्वारा अनुशंसा की गई थी। चतुर्थ श्रेणी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। दरअसल मंत्रियों द्वारा सामान्य प्रशासन मंत्री इंदर सिंह परमार को नोटशीट भेजकर कर्मचारियों के अनुभव के आधार पर उन्हें मंत्रालय में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित करने की अनुशंसा की जा रही थी।

यह है प्रक्रिया

दरअसल सचिवालयीन सेवा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के नियम 1987 में प्रावधान के तहत चतुर्थ श्रेणी के जो पद रिक्त हैं, उन पर मंत्रालय में 1 साल काम कर चुके और मंत्री स्थापना में कार्यरत कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया जा सकता है। हालांकि इसके लिए परीक्षा लेकर उन्हें नियमित किया जाना है। मंत्रालय कर्मचारी संघ ने इस मामले में विज्ञापन भी सौंपे थे। जिसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने अधीक्षक शाखा के अंतर्गत आने वाले वृत्तीय के 143 रिक्त पदों के लिए नियमितीकरण का फैसला लिया है। 17 सितंबर को इसके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

यह होंगे नियम

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जामदार, चौकीदार और कुली को नियमित करने के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। अनुसूचित जाति जनजाति सहित ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी वाले कर्मचारियों को सक्षम प्राधिकारी से प्रमाण पत्र जारी करना होगा। इसके अलावा इन सभी कर्मचारियों को अपने आठवीं की अंक सूची जमा करना भी अनिवार्य होगा। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले कर्मचारियों को ही नियमित किया जाएगा इसके लिए कर्मचारियों को स्वयं की साइकिल लाना अनिवार्य है।

जिन्हें नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। उसमें जमदार और चौकीदार सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं। उनके अनुभव को देखते हुए इन्हें नियमित करने की मांग शिवराज सरकार के मंत्री-कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों द्वारा की गई थी। उन्होंने इसके लिए कर्मचारियों के अनुभव का हवाला दिया था।


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