भोपाल| मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की | लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा तेज है, इस बीच कमलनाथ की राज्यपाल से हुई इस मुलाक़ात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे थे| लेकिन सीएम कमलनाथ ने इन सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया| राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद राजभवन से बाहर निकलते हुए सीएम ने इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया| वहीं मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा इस बारे में मीडिया सोच रहा है मैं नहीं सोच रहा हूँ।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद से ही मंत्रिमंडल की चर्चा तेज है, इस बीच भोपाल से दिल्ली तक कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिससे इस बात की संभावना बढ़ी है कि बजट सत्र से पहले कमलनाथ मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं| इस बीच राज्यपाल से कमलनाथ की मुलाक़ात से भी सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई| हालाँकि फिलहाल सीएम कमलनाथ ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है| लेकिन अंदर खाने इसको लेकर चर्चा जोरो पर है| चर्चा है कि छह मंत्रियों को बाहर कर छह विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है| इनमे निर्दलीय विधायकों को भी शामिल किया जाएगा| निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर शेरा भैया पूरे दावे के साथ कह चुके हैं कि उनका मंत्री बनना तय है, वहीं इसके अलावा भी कई नाराज विधायकों को भी मौक़ा दिया जाना है| चर्चा है कि वर्तमान कैबिनेट से छह मंत्रियोंं को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इनमें वह मंत्री शामिल होंगे जो बीते छह महीने में सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हुए हैं। लोकसभा के नतीजों के बाद से ही ऐसी अटकलें हैं कि छह मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है जिससे अन्य वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सके। इस बीच कमलनाथ की एक चिट्ठी को लेकर भी चर्चाएं गर्म है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएम चाहते हैं कि सिंधिया और दिग्विजय के गुट से दो दो मंत्री को हटाया जाए। इसके लिए वह स्वयं ही नाम दें। प्रदेश में कांग्रेस के अलग अलग गुटों के कोटे से कैबिनेट में मंत्रियों को जगह दी गई है। इनमें सिंधिया और दिग्विजय सिंह के भी करीबी शामिल हैं। दिग्गी राजा का दबदबा अन्य के मुकाबले अधिक है।
सूत्रोंं के मुताबिक कमलनाथ छह नए चेहरोंं को कैबिनेट में शामिल करना चाहते हैं। इनमें निर्दलीय और अन्य दलों के विधायक भी शामिल होंगे। विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार कमलनाथ के सफर को छोटा बताने का दावा करती रही है। कांग्रेस को डर है कि कहीं पार्टी के विधायक का सौदा न हो जाए। जिससे उनकी सरकार पर खतरा आ जाए। इन सब से बचने के लिए और सरकार में स्थिरता लाने के लिए कमलनाथ कैबिनेट का दोबारा गठन करना चाहते हैं। बुरहानपुर से निर्दलीय जीते विधायक शेरा समय समय पर सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायक भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें केपी सिंह, एंदल सिंह कंसाना जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हैं।