फसल बर्बादी पर बोले शिवराज-हर किसान को मुआवज़ा मिले, नही तो करुंगा संघर्ष

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भोपाल।

भोपाल, इंदौर और देवास समेत प्रदेश के दस जिलों में पाला पड़ने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।  लगभग पांच हजार हेक्टेयर की फसल खराब हो गई है। इसके बाद से ही प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठने लगी है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फसलों का सर्वे करवाकर मुआवजे देने की बात कही है। वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार से किसानों को उनका हक देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है। 

दरअसल, शिवराज ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है कि किसानों को हक न मिलने पर उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।  पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि “पूरे प्रदेश में ठंड के कारण फसलों को जो नुकसान हुआ है उसके मुआवजे के लिए मैं आवाज उठा कर संघर्ष करूंगा।”

वही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि किसानों को अपने पसीने की पूरी कीमत देना हर सरकार का फर्ज़ है। हमारी सरकार ने सोयाबीन के किसानों को फसल बेचने पर ₹500 प्रति क्विंटल देने का कैबिनेट में फैसला लिया था और बजट में प्रावधान भी किया था। मेरी कांग्रेस सरकार से विनती है कि इस पर तुरंत अमल किया जाए।

बता दे कि मध्य प्रदेश में तापमान गिरने से पाला पड़ने लगा है। इसकी जद में चना, अरहर, मसूर, सरसों, आलू और बैगन की फसलें आ गई हैं। भोपाल, इंदौर सहित 10 जिलों की लगभग पांच हजार हेक्टेयर की फसल खराब हो गई है।भोपाल, इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, झाबुआ, धार, शाजापुर, अशोकनगर, रायसेन, मंडला सहित अन्य जिलों की फसलें प्रभावित हुई हैं। करीब पांच हजार हेक्टेयर रकबे की फसलें पाला गिरने की वजह से खराब हो गई हैं। इसे देखते हुए प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश राजौरा ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर शीत लहर को देखते हुए किसानों को बचाव के उपाय करने प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।वही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर 24  घंटों में सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा है।


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