भोपाल| मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में शासकीय कर्मचारियों का भविष्य दांव पर है, भाजपा समर्थक अधिकारी-कमर्चारियों पर कांग्रेस की नजर है| चुनाव बाद इन पर गाज गिर सकती है| अब कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की निष्पक्षता तय करेंगे| जी हाँ चुनाव में निष्पक्षता से काम न करने वालों की सूची तैयार की जायेगी| इनकी चुनाव आयोग से शिकायत के साथ ही चुनाव बाद ऐसे अधिकारियों पर सरकार एक्शन ले सकती है|
दरअसल, मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस को प्रदेश के शासकीय अधिकारी कर्मचारियों पर भरोसा नहीं है| कांग्रेस का आरोप है कि अधिकारी कर्मचारी भाजपा की मानसिकता से काम कार रहे हैं, जबकि सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार कई सैंकड़ों तबादले कर अपने हिसाब से जमीनी जमावट कर चुकी है| लेकिन अब चुनाव में निष्पक्षता से काम न करने वाले अफसरों की सूची तैयार की जा रही है|
मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की सभी सीटों के कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी और जिला कांग्रेस अध्यक्षों को पत्र लिखकर ऐसे अफसरों पर नजर रखने को कहा है| पत्र में कमलनाथ ने कहा जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने चुनाव में निष्पक्षता नहीं रखी और लापरवाही बरती है, उनके नाम पद और विभाग की जानकारी प्रमाण सहित कांग्रेस कमेटी तक पहुंचाएं| यह जानकारी क्यों मांगी गई इसका उल्लेख कमलनाथ ने अपने पत्र में नहीं किया, लेकिन जिस तरह अधिकारियों कर्मचारियों को नई सरकार ने निशाने पर लिया है, अब चुनाव बाद ऐसे अफसरों पर सरकार कार्रवाई कर सकती है|