दिग्विजय के गढ़ में इस नेत्री को मिला टिकट, बीजेपी के रोडमल नागर से मुकाबला

Published on -
congress-field-mona-sustani-from-rajgarh-loksabha-contituency

भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के प्रत्योशियों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें प्रदेश की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। इसमें राजगढ़ से मोना सुस्तानी का नाम फाइनल कर दिया गया है। उनके नाम की सिफारिश दिग्विजय सिंह ने की थी। इससे पहले एमपी ब्रेकिंग न्यूज ने 4 अप्रैल को ही बताया था कि मोना राजगढ़ से प्रत्याशी हो सकती हैं। इस सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद रोडमल नागर को ही उम्मीदवार बनाया है। मोना सुस्‍तानी पूर्व विधायक गुलाब सुस्‍तानी की बहू हैं। उन्‍हें दिग्विजय सिंह की करीबी नेता माना जाता है।

दरअसल, राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह की राय को महत्ता दी जा रही है। उन्होंने ही मोना का नाम आगे किया है। बीजेपी ने यहां से रोडमल नागर को एक बार फिर मैदान में उतारा है। हालांकि, उनके खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी है। 2014 में रोडमल नागर को मोदी लहर में 596,727 लाख वोट मिल थे। उनकी जीत का अंतर भी काफी बड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के नारायण सिंह को  228,737 मतों से हराया था। जबकि 2009 में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था और नारायण सिंह यहां से सांसद थे। अब देखना होगा क्या कांग्रेस दस साल बाद यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब होगी या फिर बीजेपी को एक बार फिर मौका मिलेगा। 

कौन हैं मोना सुस्तानीकौन हैं मोना सुस्तानी

मोना सुस्तानी महिला कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। वह कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रही हैं। वह पूर्व में महिला कांग्रेस कमेटी की जिला अध्यक्ष, चार बार जिला पंचायत सदस्य और वर्तमान में जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर हैं। वह राजगढ़ में काफी सक्रिय रहती हैं। इसके अलावा वह समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़ी है। औपचारिक तौर पर कांग्रेस ने उनका नाम भले आज घोषित किया है लेकिन वह बीते दो महीने से राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के साथ सभाएं कर रही थीं।  उनका नाम पहले से ही तय माना जा रहा था।

इसलिए रोचक है मुकाबला 

इस सीट पर मुकाबला इसलिए रोचक माना जा रहा है क्योंंकि बीजेपी के रोडमल भी किरार धाकड़ समाज से ही आते हैं, और मोना सुस्तान के पति भी इसी समाज से ताल्लुक रखते हैं। यहां किरार समाज बड़ा वोट बैंक माना जाता है।  2011 की जनगणना के मुताबिक राजगढ़ में 24,89,435 जनसंख्या है। यहां की 81.39 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण इलाके में रहती है और 18.61 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। इस क्षेत्र में गुर्जर, यादव और महाजन वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। ये चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। राजगढ़ में 18.68 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं और 5.84 अनुसूचित जनजाति के हैं। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में इस सीट पर 15,78,748 मतदाता थे। इनमें से 7,51747 महिला मतदाता और 8,27,001 पुरुष मतदाता थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 57.75 फीसदी मतदान हुआ था।

क्या है इस सीट का इतिहास

लक्ष्मण सिंह ने 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में भी जीत हासिल की. 2004 के चुनाव में सिंह को जीत तो मिली थी, लेकिन उन्होंने इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव पर लड़ा था। इसके अगले चुनाव में भी वह बीजेपी के टिकट पर लड़े और इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के नारायण सिंह ने उन्हें मात दी. इस सीट पर कांग्रेस को 6 बार जीत मिली है और बीजेपी को 3 बार।  ऐसे में देखा जाए तो इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। चचौड़ा, ब्यावरा, सारंगपुर, राघोगढ़, राजगढ़, सुसनेर, नरसिंहगढ़ और खिलचीपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं। इन 8 सीटों में से 5 पर कांग्रेस और 2 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 1 सीट पर निर्दलीय विधायक है।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News