भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल का वनवास खत्म कर सत्ता वापसी में कांग्रेस सफल रही है, लेकिन 140 सीटों का दावा करने वाली पार्टी बहुमत नहीं ला पाई और निर्दलीयों और अन्य के समर्थन से सरकार बनाना पड़ा| किनारे पर बैठी कांग्रेस को पांच साल सरकार चलना मुश्किल होगा क्यूंकि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है| इसके पीछे सबसे बड़ी वजह चुनाव में अपनों के नुकसान से हुआ है| अब कांग्रेस की अनुशासन समिति सक्रिय हो गई है और ऐसे लोगों की पड़ताल तेज हो गई है, जिन्होंने चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुँचाया है| पार्टी ने इस सम्बन्ध में सभी 229 प्रत्याशियों से रिपोर्ट मंगाई है, जल्द ही इस रिपोर्ट पर कार्रवाई हो सकती है|
दरअसल, टिकट वितरण के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में जमकर घमासान हुआ और दल बदलने का दौर शुरू हो गया| इस बीच नाराज नेताओं में से कुछ मना लिया गया और कुछ अड़े रहे और चुनाव लड़े| दोनों ही पार्टियों ने दावा किया था कि वह पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे| लेकिन दोनों ही बहुमत हासिल नहीं कर पाए| हालाँकि सबसे अधिक सीटों के साथ कांग्रेस ने अन्य से समर्थन लेकर सरकार बना ली| लेकिन पार्टी उन नेताओं को छोड़ने के मूड में नहीं है जिन्होंने अंदर ही अंदर नुकसान पहुँचाया है| पीसीसी में भितरघातियों, बागियों और निष्क्रिय कार्यकर्ताओं की शिकायतें पहुंच रही है| वहीं पार्टी में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि 140 सीटों पर दावा करने वाली पार्टी बहुमत भी नहीं ला पाई|
कांग्रेस के 114 विधायक जीत कर आये हैं, इनमे से कई ऐसे हैं जो करीब से जीते, मुश्किल से अपनी सीट निकाल पाए| यह विधायक शिकायत दर्ज करा रहे हैं, वहीं कई अपने मजबूत गढ़ में हर गए, हारे हुए विधायक भी उन कार्यकर्ताओं की सूची सौंप रहे हैं जिन्होंने चुनाव में नुकसान पहुँचाया| जिला अध्यक्षों से भी रिपोर्ट मांगी गई है| रिपोर्ट आने के बाद अनुशासन समिति सभी पर विचार करेगी, इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष इन नेताओं पर कार्रवाई कर सकते हैं|
दिग्गजों का 140 का था दावा, बहुमत भी नहीं मिला
बता दें कि चुनाव के दौरान कमलनाथ ने दावा किया था कि हमें कोई चिंता नहीं है, कांग्रेस 140 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी, मध्य प्रदेश में इतिहास बनेगा| वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि 132 सीटें जीतेंगे| लेकिन ऐसा हुआ नहीं| जबकि मतदान प्रतिशत बढ़ने के बाद कांग्रेस ने अपना दावा जोर शोर से किया था| हालाँकि कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही| लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की पड़ताल करना चाहेगी, ताकि यही स्तिथि लोकसभा चुनाव में न बने, इसको लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है|
निष्क्रिय पदाधिकारियों की होगी छुट्टी
संगठन ऐसे पदाधिकारियों की भी पड़ताल कर रहा है, जो पूरे चुनाव के दौरान निष्क्रिय रहे। उनकी छुट्टी कर नए नेताओं को उन पदों पर मौका दिया जाएगा। इसके अलावा जिन्होंने अच्छा काम किया है, उनको लोकसभा चुनाव के लिए विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। नए पदाधिकारियों को ग्रामीण वोट बैंक बढ़ाने के लिए पांच-पांच गांवों का जिम्मा भी सौंपा जा सकता है।