भोपाल| लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी है| इसमें मध्य प्रदेश की तीन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है| गुना, विदिशा और राजगढ़ पर प्रत्याशी घोषित किये गए हैं| गुना सीट से वर्तमान सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ही चुनाव लड़ेंगे| इसके अलावा राजगढ़ से मोना सुस्तानी को उतारा गया है| वहीं विदिशा से शैलेन्द्र पटेल चुनाव लड़ेंगे| इसके अलावा इस सूची में बिहार, जम्मू कश्मीर की एक एक सीट और पंजाब की दो सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है|
आज घोषित तीन सीट को मिलाकर कांग्रेस अब तक 25 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी हैं| लम्बे मंथन के बाद भी अब तक इंदौर को लेकर फैसला नहीं हो पाया है, इसके अलावा ग्वालियर और धार सीट को भी होल्ड पर रखा गया है| वहीं अब उन तमाम अटकलों को विराम लग गया है, जिसमे सिंधिया के सीट बदलने का दावा किया जा रहा था| पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ही यह साफ़ कर दिया था कि कठिन सीट का फार्मूला सिंधिया पर लागू नहीं होगा| क्यूंकि वो गुना से वर्तमान में सांसद हैं| हालाँकि अंदरखाने उन्हें इंदौर से चुनाव लड़ाने की चर्चा अंतिम समय तक चलती रही| इसके अलावा उनका नाम विदिशा से भी चर्चा में था|
विदिशा से शैलेन्द्र पटेल मैदान में, भाजपा प्रत्याशी का इन्तजार
विदिशा से पार्टी ने पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को उम्मीदवार बनाया है| इस सीट से 1980 से 1984 और 1984 से 1989 के बीच प्रताप भानु शर्मा सांसद रहे थे। इसके बाद से पिछले आठ चुनावों से यह सीट भाजपा के कब्जे में है। अभी इस सीट से विदेश मंत्री सुषमा ��्वराज सांसद हैं। उनके चुनाव लड़ने से मना करने के बाद भाजपा इस सीट से नए प्रत्याशी को खोज रही है। इस सीट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से सिर्फ विदिशा से कांग्रेस के शशांक भार्गव और सांची से प्रभुराम चौधरी जीते हैं। इसके अलावा बाकी पांच विधानसभा सीटों में गंजबासौदा, सिलवानी, भोजपुर, इच्छावर व खातेगांव भाजपा के कब्जे में है।
रोडमल के सामने मोना सुस्तानी
राजगढ़ सीट से मोना सुस्तानी को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। उनके नाम की सिफारिश दिग्विजय सिंह ने की थी| राजगढ़ दिग्विजय के प्रभाव वाला क्षेत्र है जिसके चलते उनकी सहमति से ही यहां कैंडिडेट तय होना था| यहां उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान सांसद रोडमल नागर से होगा| इस सीट पर कांग्रेस को 6 बार जीत मिली है और बीजेपी को 3 बार।