जबलपुर। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह 8:17 से शुरू हुआ। यह वलायकार वाला सूर्य ग्रहण होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। और ग्रहण से पहले शुरू होने वाला सूतक भी उतना ही अशुभ माना गया है । इस दौरान किसी भी तरह के शुभ मुहूर्त कार्य नहीं होते। इतना ही नहीं सूर्य ग्रहण लगने के बाद मंदिरों के कपाट को भी सूतक काल में बंद कर दिया जाता है। चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पहले तो सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है ।
26 दिसंबर यानि आज की लगने वाला सूर्य ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर की रात 8:00 बजे से शुरू हो गया था। जिसकी समाप्ति ग्रहण के साथ ही होगी। सूतक काल का समय देश की राजधानी दिल्ली के अनुसार दिया गया है। विभिन्न शहरों में समय अनुसार ही सूतक का समय है। बताया जा रहा है कि 57 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगा है जो कि देश पर बड़े संकट की तरफ इशारा भी कर रहा है। सूर्य ग्रहण शुरू होने का समय 8:17 था वही मध्यस्थ का समय 9:31 बताया गया है। जबलपुर में सूर्य ग्रहण के समाप्त होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां नर्मदा के ग्वारीघाट तट पहुंचकर स्नान दान करना शुरू कर दिया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय स्नान दान करने से सूर्य की कु दृष्टि नहीं लगती है।