भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) से बड़ी खबर मिल रही है। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज (People’s Medical College) में चल रहे कोवैक्सीन ट्रायल (Covaxine trial) में शामिल 47 वर्षीय वाॅलंटियर दीपक मरावी (Deepak Maravi) की मौत के बाद बवाल मच गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है। देश में करीब 26 करीब लोगों पर यह ट्रायल किया गया था, लेकिन मौत का यह पहला केस सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है वही विपक्ष ने शिवराज सरकार (Shivraj Government) को घेरा है।
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मिली जानकारी के अनुसार, दरअसल, 12 दिसंबर को भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगाया गया था, जिसमें टीला जमालपुरा स्थित सूबेदार कॉलोनी के 47 वर्षीय वॉलंटियर दीपक मरावी भी शामिल थे।21 दिसंबर को वे अपने घर में मृत मिले थे, जिसके बाद 22 दिसंबर को उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया तो प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है।जिसके बाद बवाल मच गया है।
जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) परिजनों से मिलने पहुंचे तो पत्नी ने बताया कि उनकी बिना जानकारी के उनके पति को टीका लगाया गया। उनके पति को कोई भी बीमारी नहीं थी, टीका लगने से ही उनकी मौत हुई है और उनकी मृत्यु के बाद शासन प्रशासन (Government Administration) ने आज तक सुध नहीं ली।
तुरंत संज्ञान में लें केन्द्र और राज्य सरकार- दिग्विजय सिंह
वही कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा (Congress media coordinator Narendra Saluja) ने ट्वीट कर लिखा है कि भोपाल में कोवैक्सीन का ट्रायल डोज़ लगवाने वाले वालंटियर दीपक मारवी की मौत की घटना बेहद गंभीर,सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच करवाये ये जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला। जनता में विश्वास के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) से लेकर सारे मंत्री सबसे पहले वैक्सीन लगाने की करें घोषणा।
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1347805443347816459
https://twitter.com/NarendraSaluja/status/1347815000543436800