भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (Aatmanirbhar Madhy Pradesh) और कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी(Unemployment) को देखते हुए मप्र (MP) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) उच्च शिक्षा और रोजगार (Employment) पर बड़ा फोकस कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि कॉलेज (College) से निकलने के बाद छात्रों (Student) के पास ना सिर्फ डिग्री हो बल्कि एक अच्छी नौकरी (JOB) भी वे पा सके। इसी कड़ी में उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने सरकारी कॉलेजों (Government College) में क्वालिटी लर्निंग सेंटर (Quality Learning Center) स्थापित करने की तैयारी की है।
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इसके तहत फैकेल्टी ट्रेनिंग, कॉलेज (College) में आइटी-साइंस लैब को विकसित व जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाना, ई-लाइब्रेरी बनना, खेल-कूद उपकरण, उद्यमिता, कौशल विकास, रोजगार, नया सिलेबस, शोध का स्तर बढ़ाना, शोध-लेखन व पटेंट सहित अन्य गतिविधियां संचालित आदि पर फोकस करेगी। शुरुआती दौर में प्रदेश से करीब 150 कॉलेजों को चुना गया है।इसमें मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर (Indore) के 7 बड़े कॉलेज भी शामिल है।
इसके लिए आयुक्त चंद्रशेखर वालिम्बे ने आदेश जारी किया है और कहा है कि सभी कॉलेजों को 10 मार्च तक सेंटर संबंधित जानकारी ऑनलाइन अपलोड करना है। विभाग ने कॉलेजों की सूची वेबसाइट (Website) पर अपलोड की है। विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि गूगल (Google) फॉर्म के जरिए कॉलेज में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी देना है। खास बात ये है कि इसके लिए कॉलेजों को अलग से बजट (Budget 2021) भी आवंटित किया जाएगा, ताकी छात्रों को बेहतर सुविधाएं दे सके।
यह पहला मौका नहीं है, इसके पहले भी विभाग कई प्रयोग कर चुका है।हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने एक और फैसला किया था। इसके तहत हर कॉलेज के प्राचार्यों और सभी छात्रों के वॉट्सएप ग्रुप पर जोड़कर सरकारी योजनाएं (Government Schemes), स्कॉलरशिप (Scholarship), संबल मेधावी और गांव की बेटी जैसी तमाम योजनाओं से जुड़े निर्देश इस पर साझा किए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी इंदौर के अग्रणी कॉलेज ओल्ड जीडीसी (शासकीय माता जीजाबाई गर्ल्स कॉलेज) दी गई है, जो सभी कॉलेजों के प्राचार्यों का ग्रुप बनाएगा और प्राचार्य अपने कॉलेज (College) में नोडल ऑफिसर को नियुक्त करेंगे।