भोपाल।
3300 किमी लंबी नर्मदा पदयात्रा निकालने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह अगले महिने एक और यात्रा निकालने वाले है।खबर है कि दिग्विजय 5 से 10 मई तक भोपाल लोकसभा में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में पद यात्रा करेंगे। इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल होंगें। यात्रा बैरागढ़ से शुरू होगी। इस यात्रा में भाजपा के कब्जे की तीन विधानसभाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसमें गोविंदपुरा, नरेला और हुजूर विधानसभा शामिल है।इसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल रहेंगें।पदयात्रा की जिम्मेदारी मंत्री पीसी शर्मा और जिला कांग्रेस को सौपी गई है।
दरअसल, कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ भोपाल को भेदने के लिए वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनााया है। वही बीजेपी ने दिग्विजय की काट हिन्दू छवि वाली साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारा है। साध्वी से दिग्विजय को कडी चुनौती मिल रही है। ऐसे में दिग्विजय ने भोपाल लोकसभा सीट के वोटरों को साधने के लिए यात्रा निकालने का प्लान बनाया है। दिग्विजय की यग यात्रा पांच मई से शुरु होगी जो दस मई पर जाकर खत्म होगी। चुंकी 12 मई को भोपाल में मतदान होना है।यह दिग्विजय की चुनावी पहली पदयात्रा होगी।
यात्रा राजधानी की सात विधानसभाओं होकर गुजरेगी। इस यात्रा में भाजपा के कब्जे की तीन विधानसभाओं पर फोकस किया जाएगा। इसमें गोविंदपुरा, नरेला और हुजूर विधानसभा शामिल है। पदयात्रा हुजूर विधासनभा के तहत आने वाले बैरागढ़ से शुरू होगी। दिग्विजय सिंह सुबह 9 बजे से दोपहर 12 तक और शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा का रोडमैप भी उन बूथों के आधार पर तैयार किया जा रहा है जहां कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही है। इन बूथों में दिग्विजय सिंह घर-घर पहुंचकर लोगों से मुलाकात करेंगे। पदयात्रा की जिम्मेदारी मंत्री पीसी शर्मा और जिला कांग्रेस को सौपी गई है।
सुत्रों की माने तो इस यात्रा का शत-प्रतिशत फायदा दिग्विजय को मिलना तय है। क्योंकि इन दिनो साध्वी प्रज्ञा के बयानों और लगातार विवादों में रहने से जनता के बीच एक गलत मैसेज गया है।हालांकि बीजेपी लगातार संतों को आगे कर डैमेज कंट्रोल मे जुटी हुई है। लोगों में शहीद हेमंत करकरे को लेकर अब भी नाराजगी है, जिसका दिग्विजय लाभ लेने में सहायक होंगें।वही दिग्विजय इस यात्रा में नर्मदा यात्रा का भी मुद्दा भुना सकते है। चुंकी यह दिग्विजय की दूसरी यात्रा है, हालांकि इसकी सीमा सिर्फ भोपाल तक ही सीमित है। अब देखना है कि बीजेपी इसके विपरित क्या नया प्लान लेकर आती है।