ई-टेंडरिंग घोटाला: OSMO कंपनी के दफ्तर पर EOW का छापा, तीन अधिकारी गिरफ्तार

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भोपाल। ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर के बाद जांच पड़ताल तेज हो गई है| ई-टेंडर से छेड़छाड़ के मामले में EOW की टीम ने ऑस्मो आईटी सोल्यूशन कंपनी के ऑफिस पर दबिश दी है| टीम ने यहां कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की जांच की है। बताया जा रहा है कि यहां कंपनी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है|

इस कंपनी का ऑफिस भोपाल के मानसरोवर कॉम्प्लेक्स में है|  कंपनी के विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर, वरुण चतुर्वेदी से टीम ईटेंडर में छेड़छाड़ मामले में पूछताछ कर रही है|  दो डीएसपी के साथ 15 कर्मचारियों की टीम मौके पर कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी सामने आ रही कि ये कंपनी केवल डिजिटल सिग्नेचर ही नहीं बनाती है, बल्कि अखबार भी निकालती है। जिसमें टेंडर्स की जानकारी दी जाती है।  ईओडब्ल्यू की छापामार कार्रवाई से हड़कंप मच गया है| बताया जा रहा है कि छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत रिपोर्ट में सामने आये हैं, जिसके बाद इस कंपनी पर शिकंजा कसा गया है|  बताया जा रहा है कि टेम्परिंग की जांच में एक आईपी एड्रेस मिला है जो ओस्मो कंपनी का है| इस कंपनी और इसके करता धरता का उल्लेख करते हुए विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था|

बता दें कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने बुधवार को इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के पांच विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों और दस निजी कंपनियों के संचालकों-मार्केटिंग अधिकारियों सहित अज्ञात नौकरशाहों और नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है। दरअसल, इस पूरे खेल में ई पोर्टल में टेंपरिंग से दरें संशोधित करके टेंडर प्रक्रिया से बाहर आने वाली कंपनी को टेंडर दिला दिया जाता था और मनचाही कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने का काम बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जाता था। वहीं इस घोटाले को सरकारी अफसरों के डिजिटल सिग्नेचर में छेड़छाड़ करके ही अंजाम दिया गया था। इसलिए इस कंपनी की जांच कई मायनों में अहम हो जाती है।

 


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