Electricity – मध्यप्रदेश में 9 फीसदी बढ़ सकते है बिजली के दाम, प्रस्ताव तैयार!

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मंहगाई और पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़े दामों की मार झेल रही मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की जनता को एक बार फिर बड़ा झटका लगने वाला है। खबर है कि आने वाले दिनों में 9 फीसदी तक बिजली के दाम बढ़ाए जा सकते है। इसके लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की पॉवर कंपनी ने बिजली (Electricity) की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजने की तैयारी कर ली है।

दरअसल, साल 2020-21 में बिजली कंपनियों ने औसत 5.25 फ़ीसदी दाम बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) मंजूरी मांगी थी, लेकिन कोरोना और फिर उपचुनाव (By-election) के चलते मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, लेकिन अब नए सत्र 2021-22 के लिए कंपनी ने बिजली (Electricity) के दाम तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।माना जा रहा है कि आने वाले साल में 9 फीसदी दाम बढ़ाए जा सकते है।

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अगर ऐसा होता है तो कोरोना काल (Corona Crisis) में पहले से ही मंहगाई की मार झेल रहे है प्रदेशवासियों के लिए यह दोहरा झटका होगा।आपको बता दें कि प्रदेश में बिजली कंपनियां लगातार घाटे में जा रही हैं और इसी कारण उन्होने विद्युत नियामक आयोग को बिजली 9 फीसदी महंगी करने का प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है। अगर इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई तो बिजली के दाम फिर बढ़ जाएंगे।

बीते दिनों ऊर्जा मंत्री ने दिए थे संकेत

बीते दिनों जबलपुर (Jabalpur) दौरे के दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक और शिवराज सरकार (Shivraj Government) में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के संकेत दिए थे। तोमर ने कहा था कि बिजली कंपनियों (Power Companies) के खर्चों की पूर्ति जरूरी है, लेकिन यह किस तरह की जा सकती है इसका आंकलन होगा। फिलहाल कंपनियों में सुधार और खर्चों की समीक्षा की जा रही है। यदि फिर भी आय के स्त्रोत पर्याप्त नहीं होंगे तो जरूरी होने पर दाम बढ़ाया भी जा सकता है।हालांकि गरीबों के हित का ध्यान सरकार रखेगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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