जबलपुर| जबलपुर में आय से अधिक संपत्ति मामले में, पीएचई विभाग के रिटायर्ड अधिकारी सुरेश उपाध्याय पर ईओडब्ल्यू की जांच कार्रवाई जारी है और इस बीच ही उपाध्याय की करीब 10 करोड़ की संपत्ति का ख़ुलासा हो गया है| पीएचई विभाग से एसडीओ की पोस्ट से साल 2014 में रिटायर हुए सुरेश उपाध्याय के घर और दफ्तर सहित 4 ठिकानों पर ईओडब्लू के 65 अधिकारियों की टीम ने आज एक साथ छापामार कार्यवाई की थी|
छापामार कार्रवाई में सुरेश उपाध्याय और उनके परिजनों के भारी भरकम निवेश भी उजागर हुए हैं| सुरेश उपाध्याय और उनके पत्नि बेटे ने डॉल्फिन इंडिया, वीनस इंडिया, आदित्य इंफ्रा और गंगा फूड्स नाम की कंपनियों में मोटी रकम इन्वेस्ट की है| वहीं परिवार के नाम जबलपुर की चैतन्य सिटी में 150 से ज्यादा प्लॉट्स, 30 एकड़ कृषि भूमि, 6 लक्ज़री गाड़ियां और 2 आलीशान मकान मिले हैं| इस छापामार करवाई में उपाध्याय के पास 2 किलो सोना भी मिला है| ईओडब्लू ने सुरेश उपाध्याय, उनकी पत्नि अनुराधा उपाध्याय और बेटे सचिन उपाध्याय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का अपराध दर्ज कर लिया है|
पत्नी रह चुकी है पार्षद, बीटा बिल्डर
बता दें कि पीएचई के रिटायर्ड अधिकारी सुरेश उपाध्याय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी के बेहद करीबी थे जिनकी पत्नि अनुराधा उपाध्याय बीजेपी से पार्षद भी रह चुकी हैं| सुरेश उपाध्याय का बेटा सचिन उपाध्याय बिल्डर है जिसकी पार्टनरशिप शहर के कई नामी बिल्डर्स के साथ भी रही है| फिलहाल ईओडब्लू की जांच जारी है और ईओडब्लू के एसपी देवेन्द्र सिंह राजपूत का कहना है कि जांच पूरी होने पर और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
2014 में सेवानिवृत्त हुए थे उपाध्याय
सुरेश उपाध्याय ने 6 अगस्त 1978 को पीएचई में नौकरी की शुरुआत की थी। 31 अगस्त 2014 को सेवानिवृत्त हुए थे। इस अवधि में उन्हें 53 लाख 26 हजार 438 रुपए वेतन प्राप्त हुए। रिटायर्ड एसडीओ, उसके बेटे और पत्नी के नाम पर 3.50 करोड़ के सिर्फ 27 भूखंड मिले हैं। इसके अलावा कई लग्जरी वाहन, बीमा पॉलिसी, एफडी, शेयर तथा सोने-चांदी के जेवरों का पता चला है। टीम इसकी कीमतों का मूल्यांकन कर रही है।