भोपाल| लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का दौर शुरू हो गया है| एक सप्ताह के भीतर तीन पूर्व विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है| शनिवार को शिवराज सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। साथ ही रेहगांव की पूर्व बसपा विधायक ऊषा चौधरी भी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज अपने निवास पर दोनों को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
कांग्रेस में शामिल हुए दोनों नेताओं को जल्द ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। आजाद सिंह डबास ने एक सरकारी अफसर रहते हुए जहां वन संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया| वहीं उन्होंने कई मामलों में सरकार की योजनाओं और नीति पर भी सवाल उठाए| इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पर संगठन महामंत्री चन्द्रप्रभाष शेखर भी मौजूद थे। इससे पहले 29 जनवरी को दो पूर्व विधायक, और एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत एक दर्जन समर्थकों ने कांग्रेस का हाथ था| भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्तिथि में सभी कांग्रेस में शामिल हुए| यह सभी नेता सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के अशोकनगर क्षेत्र से समबन्ध रखते हैं|
विंध्य क्षेत्र की कद्दावर नेता व बसपा की पूर्व विधायक ऊषा चौधरी के कांग्रेस में जाने से लोकसभा चुनाव से पहले सतना लोकसभा चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि ऊषा चौधरी के आने से विंध्य में डूबती कांग्रेस को संजीवनी मिलेगी। वहीं दलित वोट पर भी कब्जा किया जा सकती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश भर में उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली, लेकिन विंध्य में सूपड़ा साफ़ हो गया| कांग्रेस को यहां 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि भाजपा ने 24 सीटे जीती है। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी यहां चुनाव हार गये थे। जिनमें पूर्व प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह और पूर्व प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह शामिल हैं। वहीं अगर लोकसभा चुनाव की बात करें तो सतना, रीवा, सीधी और शहडोल सीट भाजपा के कब्जे में है।