भोपाल। प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक हैं, लेकिन वे एक अपने कार्यकाल की एक भी अच्छी योजना या काम को गिनाकर वोट नहीं मांग रहे हैं। वे चुनावी सभाओं में कांग्रेस पर झूठ, फरेव, भ्रष्टाचार और आतंकवाद का आरोप लगाकर लोगों से भाजपा को वोट देने की मांग कर रहे हैं। शिवराज भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रदेश में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कर रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान 13 साल से ज्यादा समय तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। वे 4 महीने की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार से लेकर कानून-व्यवस्था के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। चौहान हर चुनावी सभा में कांग्रेस को आतंकवादियों को समर्थन देने वाली पार्टी बता रहे हैं। खास बात यह है कि शिवराज कांगे्रस के नेताओं को ही निशाना नहीं बना रहे हैं, वे महागठबंधन को निशाना बना रहे हैं। अपने भाषणों में वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करने वाले दूसरे दलों के नेताओं को भ्रष्ट बता रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस की मानसिकता को ही देशद्रोही करार दिया है। वे कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी को झूठ बोलने वाला नेता बताते हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को झुठेलों की पार्टी बताते हैं।
दिग्विजय को कहा था आतंकी
मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने एक आमसभा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सार्वजनिक तौर पर आतंकी कहा था। तब कांग्रेस ने शिवराज का विरोध में पुतला फूँका, बल्कि दिग्विजय सिंह ने सरकार को गिरफ्तार करने का खुला चैलेंज दिया था। दिग्विजय सिंह अपने हजारों समर्थकों के साथ भोपाल के टीटी नगर थाने में गिरफ्तारी देने पहुंचे थे। तब मप्र पुलिस ने यह कहकर दिग्विजय को लौटा दिया था कि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। तब शिवराज को आतंक का आरोप लगाकर बैकफुट पर आना पड़ा।
15 साल बाद दिग्विजय गिना रहे अपने काम
16 दिसंबर 2018 तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान हर रोज प्रदेश में ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। वे मप्र की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। लेकिन एक भी योजना ऐसी नहीं गिना पा रहे हैं, जिसके भाजपा को वोट मिले। वे किसानों के नाम पर कांग्रेस पर छलावा करने के आरोप लगा रहे हैं। वहीं भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह 15 साल बाद भी अपने मुख्यमंत्री काल के काम गिनाकर लोगों से वोट मांग रहे हैं। वे अपने कार्यकाल में प्रदेश के बिजली संकट का जिक्र भी कर रहे हैं, साथ ही बता रहे हैं कि आज जो सरप्लस बिजली मिल रही है, वह उनकी रणनीति के कारण मिल रही है। बिजली उत्पादन बढ़ाने काम उनके समय में ही पूरा किया था। सिंचाई का रकबा बढ़ाने की रणनीति उनके कार्यकाल में बनी थी।