मध्य प्रदेश में एक्सपोर्ट घटा, 13वें से खिसककर 15वें स्थान पर पहुँचा MP, कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश को हर मोर्चे पर सबसे पीछे करने की क़सम खा ली है। ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने ज़मीनी सचाई से पूरी तरह पीठ फेर ली है और प्रदेश को उसके हाल पर छोड़ कर, ख़ुद सिर्फ़ झूठी ब्रांडिंग से अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हो गई है।

Kamal Nath

Madhya Pradesh edged down in export : मध्य प्रदेश निर्यात के मामले में देश में 13वें पायदान से खिसककर 15वें नंबर पर पहुँच गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश का निर्यात 62 हज़ार 255 करोड़ रहा। ये पिछले साल के मुक़ाबले 623 करोड़ कम है। इसके बाद तुलना करें तो मध्य प्रदेश हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों से भी पिछड़ गया है। इसे लेकर अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं।

निर्यात में पिछड़ा एमपी, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश एक्सपोर्ट में भी फिसड्डी बना गया है। पिछले साल के मुक़ाबले एक्सपोर्ट ₹623 करोड़ घट गया है और हम 13वें स्थान से खिसककर 15वें स्थान पर पहुँच गए हैं। हरियाणा और ओडिशा जैसे छोटे राज्य भी मध्यप्रदेश से आगे निकल गए हैं। कांग्रेस ने सीएम सेंस सवाल करते हुए का कि मोहन यादव जी, मध्यप्रदेश के माथे पर एक और कालिख लग गई है। हर क्षेत्र में हम गिरते जा रहे है। मोहन यादव नाम डुबा रहे हैं।’

कमलनाथ ने साधा निशाना

वहीं कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि ‘क्या मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश को हर मोर्चे पर सबसे पीछे करने की क़सम खा ली है? पहले ख़बर आयी कि मध्य प्रदेश का शिक्षा बोर्ड देश में सबसे ख़राब प्रदर्शन वाले राज्यों में पहुँच गया है और अब ख़बर है कि मध्य प्रदेश निर्यात के मामले में 13वें स्थान से लुढ़ककर 15वें स्थान पर पहुँच गया है। उधर महिला सुरक्षा, दलित और आदिवासी सुरक्षा के मामले में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड और भी ख़राब हो गया है। स्वास्थ्य शिक्षा का हाल यह है कि मध्य प्रदेश की पहचान व्यापम और नर्सिंग जैसे घोटालों से होने लगी है। मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूँ कि समाज की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था, हर पहलू पर इतनी नाकामी क्यों हासिल हो रही है? इससे बढ़कर चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार इन सारे विषयों पर एकदम चुप है। क्या जनता के विकास के ये सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गए हैं? ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने ज़मीनी सचाई से पूरी तरह पीठ फेर ली है और प्रदेश को उसके हाल पर छोड़ कर, ख़ुद सिर्फ़ झूठी ब्रांडिंग से अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हो गई है।’

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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