भोपाल| मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की अटकलों के बीच खींचतान बढ़ गई है| कांग्रेस में इस्तीफों का दौर चल रहा है, संभावना जताई जा रही है कि कमलनाथ कभी भी पीसीसी पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दिल्ली में रविवार को उनकी राहुल गांधी से मुलाकात होना है। संभवत: इसके बाद हाईकमान मप्र में नए पीसीसी चीफ का ऐलान कर सकता है। वहीं सीएम के दिल्ली दौरे से प्रदेश में खींचतान शुरू हो गई है| नए पीसी अध्यक्ष इसको लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है|
कांग्रेस की कमान संभालने के लिए कई नेता जोर आजमाइश में जुट गए हैं | इस पद के लिए समर्थक सबसे प्रबल दावेदार पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बता रहे हैं और कई मंत्री इसका समर्थन कर चुके हैं| वहीं सिंधिया की राह में रोड़ा अटकाने का काम भी शुरू हो गया है| खबर है कि सिंधिया की दावेदारी को कमजोर करने के लिए कई मामलों की जानकारी हाईकमान तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है| जिसको लेकर सिंधिया विवाद में आ गए हैं| हाल ही में ग्वालियर हाई कोर्ट ने उन पर जुर्माना ठोका है, उन पर सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप है| इससे पहले भी सिंधिया के खिलाफ उनके क्षेत्र में कई जमीन कब्जाने के आरोप लग चुके हैं और बीजेपी इसे कई बार मुद्दा भी बना चुकी है| सूत्रों के मुताबिक जमीनी विवाद का मामला सिंधिया की राह में रोड़ा बन सकता है, विरोधी गुट इस मामले को भुनाने की फिराक में है|
जल्द हो सकता हे ऐलान
मुख्यमंत्री कमलनाथ पीसीसी अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन इस्तीफे से पहले वे अगले पीसीसी चीफ के लिए लॉबिंग करेंगे। वे यह जिम्मेदारी अपने किसी समर्थक को दिलाना चाहेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा भी पीसीसी चीफ के लिए दावेदारी में जुट गया है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पीसीसी चीफ से इस्तीफे के बाद नए पीसीसी चीफ का ऐलान हो चुका है, ऐसे में अगले कुछ दिनों के भीतर मप्र को भी पीसीसी चीफ मिल सकता है। संभवत: विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस अध्���क्ष का नाम तय होना है। हालांकि अभी किसी भी नेता के नाम पर सहमति नहीं बनी है।
अध्यक्ष के लिए खींचतान
कांग्रेस जब सत्ता में रहती है, तब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भी पॉवर सेंटर होता है। पीसीसी अध्यक्ष के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के माध्यम से खुद दावेदारी कर रहे हैं। वहीं दिग्विजय सिंह का नाम भी चर्चा में है। जबकि वे अजय सिंह के लिए लॉबिंग करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने समर्थक को पीसीसी चीफ बनाना चाहते हैं। वे कार्यकारी अध्यक्ष बाला बच्चन का नाम आगे कर सकते हैं। ऐसी खबर है कि यदि पीसीसी चीफ के लिए ज्यादा खींचतान मची तो फिर किसी नए चेहरे या फिर महिला को यह कमान मिल सकती है।
यह है मामला
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हाई कोर्ट की युगलपीठ ने जनहित याचिका का जवाब पेश नहीं करने पर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, चित्रांगदा राजे सिंधिया व माधवी राजे सिंधिया पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। साथ ही दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। सिंधिया पर महलगांव हलके में शासकीय जमीन बेचने का आरोप है। उपेंद्र चतुर्वेदी ने वर्ष 2014 में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि महलगांव हलके का सर्वे क्रमांक 1211 व 1212 भूमि शासकीय है। इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके ट्रस्ट ने जमीन नारायण बिल्डर्स को बेच दी। बिल्डर ने जमीन पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने मांग की थी कि जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर मामले की जांच कराई जाए। कोर्ट ने शासकीय भूमि के विक्रय पर सिंधिया परिवार के तीनों सदस्यों को जवाब पेश करने का आदेश दिया था| लेकिन जब सिंधिया की ओर से कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद कोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगदा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य की माता माधवी राजे सिंधिया पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगा दिया है। इसके अलावा दो सप्ताह में तीनों को जवाब पेश करने का आदेश दिया है।