भोपाल| मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में कम्प्यूटर बाबा के नेतृत्व में सैकड़ों साधु-संतों के धुनी रमाने, हवन करने के मामले में जांच शुरू हो गई है| भाजपा ने चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत की थी| कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सुदाम पी. खाडे ने भाजपा की शिकायत पर इस मामले की जांच एआरओ भोपाल उत्तर केके रावत को सौंपी है और जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
दरअसल, मंगलवार को दिग्विजय के समर्थन में कंप्यूटर बाबा के नेतृत्व में साधु संतों के भोपाल आने और अहमदाबाद पैलेस स्थित न्यू सेफिया कॉलेज ग्राउण्ड में धुनी रमाने, हवन करने के मामले की शिकायत चुनाव आयोग की गई थी| भाजपा ने शिकायत की थी कि दिग्विजय सिंह ने साधुओं को प्रदेश के बाहर से बुलाया था और उन्हें दक्षिणा भी दी थी। कंप्यूटर बाबा ने हजारों साधुओं के साथ मिलकर हठ योग लगाया | इस हठ योग में साधु-संतों द्वारा रोजाना पूजा पाठ और कांग्रेस की जीत के लिए प्रार्थना की गई| इसी कड़ी में मंगलवार को कंप्यूटर बाबा ने धूनी रमाई उसके बाद बुधवार को एक रोड शो भी निकाला था| भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायती पत्र सौंपकर भोपाल में दिग्विजय के समर्थन में जुटे साधुओं पर हो रहे खर्च को कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोडऩे की मांग की थी। साथ ही दक्षिणा में दी गई राशि को भी चुनाव खर्च में जोड़ने की मांग की थी| भाजपा ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमे आरोप लगाया कि 1500 साधुओं को बुलाकर प्रत्येक साधु को दक्षिणा के रूप में कम से कम 11,111 रूपए दिये गये तथा मठाधीशों को 1 लाख 1 रूपये दक्षिणा के रूप में दिये गये। साथ ही ठहरने और भोजन की व्यवस्था भोपाल के तीन चार स्थानों पर की गई। हर दो चार दिन बाद इनके ठहरने के स्थान बदल दिये जाते है। साधुओं का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिशें अपराध की श्रेणी में आता है।
यह थी शिकायत
बीजेपी द्वारा की गई शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी/ कलेक्टर डॉ. सुदाम पी. खाड़े ने मामले की जांच एआरओ भोपाल उत्तर केके रावत को सौंपी है। इस मामले में तीन बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच में यह सामने आया है कि धार्मिक कार्यक्रम बताकर संत समागम की अनुमति ली गई थी, लेकिन दिग्विजय के पहुंचने के बाद यह कार्यक्रम राजनैतिक हो गया। जिला निर्वाचन कार्यालय ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए कंप्यूटर बाबा को नोटिस जारी किया है, वहीं कार्यक्रम का पूरा खर्च दिग्विजय सिंह के खाते में जोड़ने का फैसला किया गया है। प्रेक्षक द्वारा करवाई गई वीडियोग्राफी देखकर कार्यक्रम का खर्च साढ़े चार लाख रुपए आंका गया है। अतिरिक्त रिटर्निंग ऑफिसर केके रावत ने कम्युटर बाबा को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। कम्युटर बाबा पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है।
कंप्यूटर बाबा को नोटिस, 24 घंटे में माँगा जवाब
भाजपा की शिकायत पर कलेक्टर डॉ. सुदाम पी. खाडे ने मामले की जांच एआरओ भोपाल उत्तर केके रावत को सौंपी है| जल्द ही वे रिपोर्ट सौंपेंगे| इस मामले में तीन बिंदुओं पर जांच की जा रही है| पहलाः आयोजन की अनुमति किसने मांगी और कब और अनुमति जारी की गई या नहीं। दूसराः कार्यक्रम के लिए दिग्विजय सिंह ने कम्प्यूटर बाबा सहित अन्य साधु संतों को बुलाया तो नहीं। तीसराः कम्प्यूटर बाबा किस पार्टी या उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं ओर उनके कार्यक्रम का कितना खर्च आ रहा है। इसकी वीडियो रिकार्डिंग के साथ रिपोर्ट पेश करें।
हिन्दुओं की भावनाएं भड़का रहे बाबा
भाजपा ने कंप्यूटर बाबा के हवाले से कहा है कि साधुओं को कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में बुलाया है। इस तरह हिन्दू मतदाताओं को आकर्षित कर उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काने के उद्देश्य से कम्प्यूटर बाबा जो कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार में संलग्न है उनके द्वारा हजारों साधुओं को एकत्रित कर यज्ञ करना, धूनी रमाई जा रही है। कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के चुनावी खर्चे में 50 लाख जोड़ा जाए।