भोपाल| मध्य प्रदेश में पूर्व की शिवराज सरकार ने प्रदेश भर में 7 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया था, इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया और इसे वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने का दावा किया गया| लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद अब हकीकत का खुलासा हो रहा है| पिछली सरकार में हुए पौधरोपण की जमीनी टेस्टिंग करने वन मंत्री उमंग सिंघार बैतूल पहुंचे और हकीकत देख हैरान हो गए| मौके पर पन्द्रह प्रतिशत पौधे मिलने से खासी नाराज़गी जताते हुए उन्होंने दो डीएफओ समेत आठ वनकर्मियों पर कार्रवाई की|
दरअसल, शिवराज सरकार ने वल्र्ड रिकार्ड बनाने के दौरान सभी जगह बड़ी संख्या में पौधे रोपे थे। इसी के अंतगर्त बैतूल जिले में भी बड़े स्तर पर पौध रोपण किया गया था। इसके बाद कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मई में वन मंत्री उमंग सिंघार ने इसकी रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद वन मंत्री सिंघार ने बैतूल से इस स्थान पर पड़ताल की तो गड़बड़ी सामने आई थी, जिसकी हकीकत जानकर वह हैरान हो गए। रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने पहले सैटेलाइट इमेजनरी से पौधरोपण की जांच कराई, इसके बाद फिर उन्होंने स्वयं भौतिक सत्यापन के लिए बैतूल को चुना था। इसी का सत्यापन करने के लिए वह स्वयं बुधवार को बैतूल पहुंचे थे। इसमें उन्होंने कई जगह मौके पर पहुंचकर पौधों की स्थिति देखी। पौधों के भौतिक सत्यापन के बाद उन्होंने खासा नाराजगी दिखाई|
15526 पौधे रोप थे, मिले दो हजार
वनमंत्री ने शाहपुर रेंज के कंपार्टमेंट नंबर 227 की जांच की जिसमें सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 15526 पौधे रोपित किए गए थे | लेकिन उक्त रोपित पौधों में से मात्र 9000 गड्ढे ही पाए गए और मात्र 15 प्रतिशत (दो से तीन हजार पौधे) पौधे ही जीवित पाए गए| इस अनियमितता के फलस्वरूप वन मंत्री ने वहां के वनरक्षक डिप्टी रेंजर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और साथ ही एसडीओ और तत्कालीन डीएफओ संजीव झा और वर्तमान डीएफओ राखी नंदा को मुख्यालय भोपाल में संलग्न कर दिया है|
इन पर गिरी गाज
उत्तर वन मंडल के तात्कालीन डीएफओ संजीव झा, वर्तमान डीएफओ राखी नन्दा, एसडीओ बीपी बथमा को कारण बताओ नोटिस जारी कर इन्हे वन मुख्यालय अटैच किया गया है। वहीं शाहपुर रेंज के तात्कालीन रेंजर गुलाब सिंह बर्डे, वर्तमान रेंजर जीएस जाटव, वनपाल मूलचंद परते, फीरोज खान और नाकेदार सतीश कवडे को निलंबित किया गया है।
शिवराज सरकार में यह भी एक बड़ा घोटाला है मुख्यालय जो रिपोर्ट भेजी गई थी उसपर भरोसा ही नही हो रहा रहा था । रिपोर्ट के बाद हमने तकनीक का सहारा लिया इसके बाद हमने हकीकत जानने मौके पर भी पहुंचे जहां बाद घोटाला सामने आया है ।इस पूरे मामले में जिन अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई उनके खिलाफ हम सख्त कार्यवाही कर रहे है ।
उमंग सिंघार, वन मंत्री,मप्र शासन