गुना| चुनाव से पहले सियासत के गजब रंग देखने को मिल रहे हैं, राजनीति में एक दूसरे के धुर विरोधी राजनेता भी गले मिल रहे हैं| कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध करने वाले पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया| शिवराज सरकार में मंत्री रहे कन्हैया लाल अग्रवाल अपने पुत्र सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए| उन्होंने गुना सांसद सिंधिया की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली|
केएल अग्रवाल एक बार गुना से व एक बार बमोरी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 2013 के चुनाव में उन्हें महेन्द्रसिंह सिसौदिया के सामने हार का सामना करना पड़ा था। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी वे बमोरी से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर बृजमोहन किरार पर भरोसा जताया था| जिसके बाद वे भाजपा से बागी होकर बमोरी से निर्दलीय चुनाव लड़े थे|
मंत्री की मुलाक़ात से ही शुरू हुई थी चर्चा
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में एक चुनावी सभा के दौरान अपने पुत्र समेत करीब दो हजार कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया| चुनाव से पहले उनके आने से कांग्रेस को मजबूती मिली है| अग्रवाल के समर्थकों की संख्या अधिक हैं| पिछले दिनों ही श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने उनसे मुलाक़ात की थी| जिसके बाद से ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी| सिंधिया की नामांकन रैली की सभा में भी इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अग्रवाल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं| आखिरकार केएल अग्रवाल कांग्रेस में आ गए|
सिंधिया के विरोधी माने जाते थे अग्रवाल
स्थानीय राजनीति में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे मुखर विरोधियों में अगर कोई नाम सबसे ऊपर आता है तो वह है पूर्व राज्यमंत्री केएल अग्रवाल का। उन्होंने सांसद को हमेशा निशाने पर लिया। लेकिन सिंधिया के हाथ ही कांग्रेस की सदस्यता लेने से यह साबित हुआ है है कि राजनीति में दोस्ती-दुश्मनी स्थाई नहीं होती।