मध्यप्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी, शिवराज सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों (Farmers) के लिए खुशखबरी है। देश में जारी किसान आंदोलन (farmer protest) के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। इसके तहत MSP पर किसान निजी केंद्रों पर भी गेहूं  (wheat) बेच सकेंगे, इसके लिए निजी क्षेत्र को भी क्रय केंद्र खोलने की अनुमति दी जाएगी।आइटीसी कंपनी सहित कुछ व्यापारी क्रय केंद्र खोलने की तैयारी में हैं।

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दरअसल, अबतक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और राज्य विपणन सहकारी संघ (State Civil Supplies Corporation and State Marketing Cooperative Union) द्वारा ही गेहूं की समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी होती आई है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के स्थगन की वजह से मंडी अधिनियम पुराने स्वरूप में आ गया है। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) निजी क्षेत्र को भी क्रय केंद्र खोलने की अनुमति देने की तैयारी कर रही है।इसके तहत व्यापारियों को यदि किसानों से सीधे उपज खरीदना है तो उन्हें क्रय केंद्र खोलने का लाइसेंस (License) लेना होगा।

खबर है कि आइटीसी कंपनी सहित अन्य व्यापारी निजी क्रय केंद्र खोलने की तैयारी में हैं। अगर ऐसा होता है तो किसानों को बड़ा फायदा मिल सकता है। मंडियां खुलने की वजह से खरीद 125 लाख टन तक पहुंच सकती है। वही कृषि विभाग की माने तो इस बार गेहूं 1,975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा। 20 लाख किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने का अनुमान है।

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बता दे कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  में फसलों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है और 15 मार्च से फसलों की खरीदी की जाएगी, जो कि 15 मई तक जारी रहेगी। गेहूं खरीदी के लिए इस बार पूरे मध्य प्रदेश में 4,529 खरीद केंद्र बनाए जा रहे हैं। इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए करीब 4 लाख 13 हजार किसानों ने पंजीयन करवाया है। वही माना जा रहा है कि 20 फरवरी तक 20 लाख किसान और पंजीयन करवा सकते हैं।यही वजह है कि सरकार ने पिछली बार की अपेक्षा इस बार गेहूं के लिए खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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