भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है।जल्द किसान क्रेडिट कार्ड को डिजिटल किया जाएगा, इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हरदा का चयन किया गया है।राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि राजस्व विभाग की सहायता से किसानों को ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए किसान क्रेडिट कार्ड के एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण की पद्धति लागू की गई है।
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राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि पद्धति के कम्प्यूटरीकरण से केसीसी ऋण देने की प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जाएगा, जो अधिक सुगम और किसानों के अनुकूल होगी।हरदा जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया था। पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों और अनुभव के आधार पर इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि इस पद्धति के लागू होने से किसान को क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने के लिए बैंक शाखा में जाने एवं किसी प्रकार के दस्तावेज को जमा करने की जरूरत नहीं होगी। आवेदन ऑनलाइन एप से किए जा सकेंगे। साथ ही कृषि भूमि का सत्यापन भी ऑनलाइन हो जाता है। प्रकरण का अनुमोदन और संवितरण प्रक्रिया कुछ ही घंटों में पूरी होने से किसान त्वरित लोन प्राप्त कर सकते हैं।