भोपाल।
एमपी में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार द्वारा नगरीय निकाय अध्यक्षों को पद से हटाने के बाद सियासत गर्मा गई है। इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने सरकार पर हमले करना शुरु कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सरकार पर भाजपा के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है।वही भार्गव ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि सत्ता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार राजनीतिक साजि़श रच रही है लेकिन बीजेपी चुप बैठने वाली नहीं है।
भार्गव का कहना है कि कमलनाथ सरकार बीजेपी के स्थानीय नेताओं से डरी हुई है, इसलिए बीजेपी नगर परिषद और पालिका अध्यक्षों को कार्यकाल पूरा होने से पहले हटाया जा रहा है। सरकार को डर है कि आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से उसे हार का सामना करना पड़ेगा, इसीलिए वह बीजेपी के नगर परिषद और पालिका अध्यक्षों को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से हटा रही है।भार्गव यही नही रुके आगे कहा कि भाजपा जनप्रतिनिधि फिर से चुनाव ना लड़ सकें इसलिए कमलनाथ सरकार साजिश रच रही है। सरकार का यह कदम घोर निंदनीय है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूं।कि सत्ता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार राजनीतिक साजि़श रच रही है लेकिन बीजेपी चुप बैठने वाली नहीं है।
दरअसल, बुधवार को राज्य सरकार ने होशंगाबाद नगर पालिका सहित चार नगरीय निकाय के अध्यक्षों को उनके पद से हटा दिया। इसमें होशंगाबाद नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल, गुढ़ नगर परिषद अध्यक्ष विष्णुप्रकाश मिश्रा, आरोन नगर परिषद अध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंह रघुवंशी और भानपुरा नगर परिषद अध्यक्ष रेखा मांदलिया शामिल हैं। होशंगाबाद नपा का कार्यकाल 12 जनवरी, आरोप नप का 9 जनवरी, भानपुरा नप का 11 जनवरी और गुढ़ नप का 18 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इन्हें अगले कार्यकाल में निकाय में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष या किसी समिति के अध्यक्ष पद के लिए भी अयोग्य घोषित किया गया है।