भोपाल। गुड गवर्नेंस की दिशा में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार एक औरर बड़ा कदम उठाने जा रही है| प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने में इससे मदद मिलेगी | उद्योगों को विभिन्न् प्रकार की अनुमतियों के लिए ऑफिसों के चक्कर न काटने पड़े इसके लिए नया कानून समयबद्ध स्वीकृति अधिनियम का मसौदा तैयार किया है| अनुमतियों में होने वाली लेटलतीफी से इससे छुटकारा मिल जाएगा|
इसमें जमीन आवंटन से लेकर पानी, बिजली, फैक्टरी लाइसेंस सहित तीन दर्जन से ज्यादा अनुमतियां एक समयसीमा के भीतर मिलेंगी। यदि आवेदन करने के बाद तय समयसीमा में आवेदन का निराकरण नहीं किया जाता है तो डीम्ड अनुमति अपने आप मिल जाएगी। साथ ही जिस स्तर से लापरवाही प्रमाणित होगी, उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। बताया जा रहा है तेलंगाना में इसका कानून बना है, इसी आधार पर मप्र में इसको लागू करने की तैयारी की जा रही है|
कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव
अधिनियम के मसौदे को मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ सचिव समिति ने हरी झंडी दे दी है। अब इसे कैबिनेट में रखकर अध्यादेश के जरिए प्रभावी किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सीएम ने उद्योग विभाग को कानून का अध्ययन करके प्रदेश में व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे। इसी तरह का मॉडल राजस्थान में भी लागू किया गया है|
आवेदन का निपटारा न होने पर स्वत: मिल जाएगी मंजूरी
इसमें पोर्टल पर आवेदन का निपटारा न होने पर स्वत: मंजूरी मिल जाएगी। उद्योगों को जमीन से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन संबंधित विभागों के पास पहुंचेगा और उन्हें तय समयसीमा में आवेदन का निराकरण करना होगा। जमीन आवंटन के लिए 59 दिन, भवन निर्माण मंजूरी 30 दिन, जलापूर्ति आवंटन 15 दिन, फैक्टरी लाइसेंस की मंजूरी 30 दिन, उद्योग रजिस्ट्रेशन को मंजूरी 30 दिन और नेट मीटरिंग एंड ग्रिड कनेक्शन रूफ टॉप के लिए 30 दिन की मियाद रखी जा सकती है।