भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में तो आ गई लेकिन उसकी राह आसान नहीं है। जो वादे कांग्रेस ने किए हैं वह पूरा करने के लिए उसे 3 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी। कांग्रेस के वचन पत्र में कई तरह के वादे किए गए हैं, जिनमें सबसे बड़ा वादा किसान कर्ज माफी का है। सरकार इसे प्रथमिकता पर लेकर अंजाम देने में जुटी है। पूर्व सरकार पर 1,90,637 करोड़ का कर्ज था जो कांग्रेस को सत्ता के साथ विरासत में मिला है। यही नहीं इस साल भी बीजेपी सरकार ने 13,600 करोड़ का भी लोन लिया था। सीएम नाथ के लिए ये बड़ चुनौति का समय है। उनके कंधों पर कर्ज चुकाने के साथ ही विकासकार्यों को निरंतर बनाए रखने की भी बड़ी जिम्मेदारी है। दूसरे विभाग भी राजस्व जमा करने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
कैसे होगा फंड का इंतजाम
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को सरकारी खजाने की स्थिति के बारे में बेहतर जानकारी थी। लेकिन फिर भी दोनों ही दलों ने जमकर जनता से वादे किए थे। बीजेपी ने पुरानी योजनाओं को ही नया रंगरोगन कर लॉन्च किया तो वहीं कांग्रेस ने कर्ज माफी जैसा बड़ा दांव चलकर किसानों को रिझाने का पूरा खाका तैयार किया। यही नहीं कांग्रेस ने पुलिसकर्मियों का डीए बढ़ाने का भी वादा किया। संविदा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित करने का भी भरोसा दिया। लेकिन अब सवाल खड़ा होता है कि सरकार ये सब वादे बिना फंड के कैसे पूरा करेगी। वो कौनसी जादू की छड़ी है जिससे कांग्रेस ये सब वादे पूरा कर सकती है। कांग्रेस ने अभी तक कोई ऐसी रणनीति नहीं बताई है जिससे ये पता चल सके राजस्व में बढ़ोतरी कैसे होगी।