अयोध्या के राजा को फलों के राजा का भोग, रामलला के दरबार में चढ़ाए गए 11000 हापुस आम

बैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में पुणे से ख़ासतौर पर आम की खेप आई। उनके लिए चुन चुनकर सबसे अच्छे हापुस भेजे गए। इसी के साथ अन्य मौसमी फल भी शामिल थे। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद आम का ये पहला मौसम है और ऐसे में भक्तों ने अपने आराध्य के लिए ये बहुत ही ख़ास भेंट भेजी।

Hapus mango offering to Ram lalla in Ayodhya : पहले राम आए..फिर आम आए। हम बात कर रहे हैं इस साल हुई कुछ अहम घटनाओं की। ये साल शुरु हुआ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ। जनवरी में अयोध्या में राममंदिर का भव्य उद्घाटन हुआ और रामलला अपने घर में विराज गए। इसके ठीक बाद आया आम का मौसम। हालाँकि आम का मौसम तो हर साल आता है..लेकिन इस बार ख़ास बात ये है कि वो मंदिर उद्घाटन के बाद मौसम के पहले आम हैं। इसलिए जब आम की खेप आई तो लाज़मी था कि रामलला को भी उसका भोग लगाया जाए।

रामलला को आम का भोग

बैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर अयोध्या में रामलला को आम का भोग लगाया गया। उनके द्वार के सामने जैसे आम का कालीन ही बिछ गया हो। पुणे से 11000 हापुस आम रामलला के दरबार में पहुँचे और उन्हें समर्पित किए गए। इसी के साथ अन्य मौसमी फल और आम रस की बोतलें भी थीं। दरअसल पुणे के रामभक्त किसानों ने इस बेहद ख़ास हापुस आम की पहली खेप श्रीराम के चरणों में अर्पित करने के लिए बहुत ही भक्तिभाव से भिजवाई है। इसके लिए वो महीनों से तैयारी कर रहे थे और अपने आराध्य के चरणों में चढ़ाने के लिए चुन चुनकर सबसे ख़ास आम भेजे गए। महाराष्ट्र के कई ज़िले हापुस आम के लिए देश विदेश में मशहूर है और ये दुनिया के सबसे महँगे आमों में शुमार है।

चारों तरफ आम ही आम

अक्षय तृतीया पर रामलला को ये बेहद ख़ास भेंट चढ़ाई गई। इस दौरान चारों तरफ़ बस आम की ही सुगंध थी। मीठी, सुस्वादु, मनभावन सुगंध। इस बात में कोई शक नहीं कि अगर कोई सर्वे कराया जाए सबसे पसंदीदा फलों को लेकर तो निश्चित तौर पर आम पहले स्थान पर आएगा। इसीलिए उसे फलों का राजा भी कहा जाता है। इसीलिए जानें कितने लोग इस बेरहम गर्मी के मौसम का भी इंतज़ार करते हैं। आम की इतनी क़िस्में दुनियाभर में मौजूद है और हर क़िस्म का अपना ख़ास स्वाद, ख़ास ख़ुशबू है। अब ये स्वाद और ख़ुशबू रामलला के दरबार में भी पहुँच गई है और श्रद्धालुओं को भरोसा है कि श्री राम इस ख़ास भेंट से बेहद प्रसन्न हुए होंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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