संकट में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटा-बहू, विरोध ने बढ़ाई चिंता

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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में राज्य के 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटा एवं बहू को टिकट दिया है। जिनमें सुंदर लाल पटवा के दत्तक पुत्र सुरेन्द्र पटवा भोजपुर से , कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी हाटपीपल्या से, बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर गोविंदपुरा एवं वीरेन्द्र कुमार सकलेचा के बेटे ओम प्रकाश सकलेचा मनासा से चुनाव मैदान में हैं। इन सभी की हालत बेहद खराब है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें कार्यकर्ता ही नहीं जनता के विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। 

भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटा-बहू को टिकट उनकी परंपरागत सीट से दिए हैं। इनमें से दीपक जोशी और सुरेन्द्र पटवा वर्तमान में राज्यमंत्री हैं। इसके बावजूद भी वे क्षेत्र की जनता के निशाने पर हैं। भाजपा ने इस बार टिकट वितरण में जो अदला-बदली की है, उससे इन सीटों पर समीकरण बदले हुए हैं। 

सुरेन्द्र पटवा

रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा सीट से इस बार पटवा की हालत बेहद नाजुक है। उनका सबसे ज्यादा विरोध भाजपा कार्यकर्ता ही कर रहे हैं। इस बार स्थानीय जनता में पटवा को बाहरी बताकर विरोध किया जा रहा है। यहां से टिकट की दावेदारी कर रहे अन्य भाजपा नेताओं से पटवा को भितरघात का खतरा है। वहीं कांग्रेस ने एक बार यहां से सुरेश पचौरी को मैदान में उतारा है। जनता पटवा के विरोध में सड़क पर उतर रही है, लोगों ने पोस्टर तक चस्पा कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर जबर्दस्त विरोध हेा रहा है। 

कृष्णा गौर

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को भाजपा ने गोविंदुपरा सीट से आखिरी समय में अपना प्रत्याशी घोषित किया है। यह सीट गौर की परंपरागत सीट है, वे यहां से 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं। गौर 11वीं बार भी टिकट की मांग पर अड़े थे, आखिरी समय में बाबूलाल और कृष्णा के मुकर होने के बाद पार्टी ने आखिरी में कृष्णा को प्रत्याशी घोषित किया। कृष्णा को टिकट मिलने के बाद गोविंदपुरा में तेजी से समीकरण बदले हैं। कृष्णा के करीबियों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। साथ ही सबसे ज्यादा खतरा भाजपा के अन्य दावेदारों से है जो गोविंदपुरा से टिकट की मांग कर रहे थे। चूंकि कृष्णा गौर भोपाल की महापौर रह चुकी हैं, उन्होंने पूर्व में जो वादे किए थे, वे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। खासकर जेके रोड़ को लेकर कृष्णा को जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है। 

दीपक जोशी

पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे दीपक जोशी की चुनाव में इस बार हालत बेहद खराब है। पार्टी पहले उनकी सीट बदलकर खातेगांव भेजना चाहती थी, लेकिन कैलाश जोशी ने दखल देकर जोशी को हाटपीपल्या से ही टिकट दिलाया। उनका क्षेत्र में काफी विरोध हो रहा है। भाजपा का एक गुट दीपक के खिलाफ चुनाव मैदान में है। वहीं उन्हें जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र का विकास नहीं होने से लोग उनका विरोध कर रहे हैं। 

ओपी सकलेचा

पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सकलेचा के बेटे ओम प्रकाश सकलेचा नीमच जिले के जावद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। इस बार क्षेत्र में जातिवाद के चलते सकलेचा के सामने जीत का खतरा बढ़ गया है। हालांकि क्षेत्र के विकास के मामले में सकलेचा अन्य विधायकों से ज्यादा आगे रहे हैं। जातिगत समीकरणों की वजह से सकलेचा का क्षेत्र में विरोध हो रहा है।


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