ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के ऊर्जा यानि बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की तमाम कोशिशें भी जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध नहीं करवा पा रही। बड़ी बात ये है कि उनके ही विभाग के अधिकारी इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं इसका उदाहरण ग्वालियर में उस समय देखने को मिला जब बिजली मंत्री की बैठक में ही बिजली चली गई। इस लापरवाही पर क्षेत्र के सहायक प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।
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ऐसा 21 जून को ग्वालियर में हुआ जो बिजली मंत्री का होम टाउन है। जब बिजली गई तब बिजली मंत्री तोमर सिटी सेंटर में आवश्यक बैठक ले रहे थे। इस लापरवाही की गाज बिजली कम्पनी के सहायक प्रबन्धक सर्वेंद्र चौधरी पर गिरी है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर में सिटी सेंटर क्षेत्र में एक बैठक ले रहे थे। तभी बीच बैठक के दौरान बिजली चली गई। बिजली जाने पर मंत्री जी ने नाराजगी जताई और वरिष्ठ अधिकारियों को इस लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश दिये। मंत्री जी के निर्देश मिलते ही बिजली कंपनी के महा प्रबंधक शहर वृत ग्वालियर विनोद कटारे ने सिटी सेंटर जोन के सहायक प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मध्यप्रदेश में लगातार दौरे कर बिजली समस्या दूर करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके ही विभाग के अधिकारी इसे पलीता लगाने में लगे हैं। पिछले शुक्रवार को ही ऊर्जा मंत्री ने ग्वालियर में बिजली कंपनी के मुख्यालय परिसर के ट्रांसफर्मर पर चढ़कर वहाँ से जंगली बेले, झड़ियाँ और पक्षियों के घोंसले हटाकर मेंटेनेंस की पोल खोल दी थी और चेतावनी दी थी कि यदि जनता को निर्बाध बिजली नहीं मिली तो आप लोगों को इसकी सजा मिलेगी। लेकिन बिजली मंत्री की बैठक में ही बिजली का जाना बताता है कि अधिकारी अपने विभाग के मंत्री की बातों को कितनी गंभीरता से लेते हैं।