इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लंबे समय से जारी है और कोरोना संक्रमण (Covid-19) के प्रकोप के चलते आगे भी जारी रहने की संभावना बनी हुई है। वहीं कोरोना कर्फ्यू के दौरान केवल जरूरी सेवाओं को अलग-अलग नियमों के हिसाब से छूट दी गई है। दरअसल, आम जनता काम काज प्रभावित है ऐसे में जनता द्वारा लिए ऋण (Loans) की किश्ते चुकाने में जनता असमर्थ है। ऋण वसूली के लिए लोगों को निजी व राष्ट्रीयकृत बैंकों की अधिकृत एजेंसियां परेशान कर रही है। इतना ही नहीं कोरोना संकट के बीच एजेंसियों के कर्मचारियों द्वारा डरा धमकाकर लोगों की मुश्किलें बढ़ाई जा रही है। इसी बात की जिला प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हो रही है। लिहाजा जिला प्रशासन द्वारा इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर पवन जैन के माध्यम से एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
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प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक एजेंसियों द्वारा अब बिना प्रशासन की अनुमति के लोगो से ऋण वसूली नहीं की जा सकेगी। जारी आदेश में साफ किया गया है कि वर्तमान स्थिति व परिदृश्य को दृष्टिगत् रखते हुए आदेशित किया जाता है कि आगामी दिनांक 31 मई, 2021 तक यदि किसी भी बैंक को बकाया वसूली की कार्रवाई करना आवश्यक हो तो लिखित आवेदन प्रस्तुत कर अनुमति प्राप्त की जाकर ही वसूली की कार्रवाई की जा सकेंगी। उक्त अवधि में बिना अनुमति प्राप्त किये बकाया वसूली की कार्रवाई नहीं की जा सकेंगी।
कोरोना संक्रमण के इस खतरनाक दौर में कोरोना कर्फ्यू को झेल रही आम जनता के लिए राहत की बात है कि अब उनके द्वार पर 31 मई तक वसूलीबाज एजेंसियों के कर्मचारी बिना प्रशासन की अनुमति के नहीं आ सकते है। हालांकि प्रशासन के इस आदेश को इंदौर जिले में लागू किया जा चुका है लेकिन सवाल ये भी उठ रहे है कि उन निजी बैंकों का क्या जो दूर दिल्ली या मुंबई में हेड ऑफिस लेकर बैठे है और वहां से उनके कॉल सेंटर के कर्मचारी एक बार मना किये जाने के बावजूद 24 घण्टे फोन घनघनाते है और फोन पर ही तीखी बहस कर लोगो को इरिटेड करते है कई बार तो मानसिक प्रताड़ना तक पहुंच जाती है।