International Yoga Day : साल के 365 दिनों में सबसे लंबे दिन 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है, भारत सहित मध्य प्रदेश में भी इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, मप्र ने इस बार इसमें एक नवाचार किया है, शासन ने 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को प्रदेश के 51 जिलों के पुरातत्व स्थलों पर नागरिकों के साथ सामूहिक योग के सत्र आयोजित करने का फैसला किया है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि इससे लोगों को योग के महत्व के साथ पुरातत्व स्थलों के इतिहास और महत्व के बारे में जानकारी हो सकेगी।
51 जिलों में पुरातत्व महत्व के स्थलों पर होगा सामूहिक योग
प्रदेश के जिन 51 जिलों के पुरातत्व महत्व के स्थलों का चयन सामूहिक योग के लिये किया गया है, उनमें मुरैना में मंदिर समूह बटेश्वर, ग्वालियर में मान सिंह महल परिसर, शिवपुरी में गाँधी भवन, गुना में बजरंगगढ़ किला, अशोकनगर में बादल महल चंदेरी और दतिया में महाराजा परीक्षित की छत्री हैं। सागर जिले में प्राचीन किला खुरई, दमोह जिले के हटा रंगमहल पैलेस, पन्ना में छत्रसाल पार्क स्थित मकबरा, छतरपुर जिले के प्रसिद्ध पुरातत्व स्थल खजुराहो का कंदरिया मंदिर प्रांगण, निवाड़ी जिले के ओरछा में जहाँगीर महल में सामूहिक योग सत्र होंगे।
इन स्थानों का शासन ने किया चयन
इसके अलावा छिंदवाड़ा जिले के देवगढ़ में प्राचीन गोंड किला, रतलाम जिले में विल्पीकेश्वर मंदिर, शाजापुर जिले में राणोगंज में राणोजी की छत्री, मंदसौर जिले के भानपुरा में यशवंत राव होल्कर प्रथम की छत्री, नीमच की जीरन की गढ़ी, उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर रामघाट, इंदौर में लाल बाग पैलेस, धार में जहाज महल परिसर माण्डू, अलीराजपुर में शिव मंदिर मलवई, खरगोन में महेश्वर घाट नर्मदा तट, बड़वानी जिले में किला सेंधवा परिसर, खण्डवा में गौरी सोमनाथ मंदिर, झाबुआ में प्राचीन शिव मंदिर देवफलिया, बुरहानपुर में प्राचीन किला, देवास जिले में सिद्धेश्वर मंदिर नेमावर और भोपाल में कमलापति महल परिसर में सामूहिक योग के सत्र होंगे।
ये ऐतिहासिक स्थल बनेंगे सामूहिक योग क्रिया के साक्षी
रायसेन जिले में प्रसिद्ध पुरातत्व स्थल बौद्ध स्तूप साँची, सीहोर जिले में प्राचीन देवी मंदिर सलकनपुर, होशंगाबाद में सेठानी घाट नर्मदा तट, हरदा में प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर चारूबा, विदिशा जिले में उदेश्वर शिव मंदिर उदयपुर, नरसिंहपुर में नरसिंह मंदिर, सिवनी में आदेगाँव का किला, मण्डला में प्राचीन गोंड किला, डिण्डोरी में प्राचीन किला रामगढ़ और बालाघाट जिले में बजरंग घाट और मोती गार्डन में सामूहिक योग के विशेष सत्र होंगे।
यहाँ भी होंगे सामूहिक योग के सत्र
जबलपुर के भेड़ाघाट के नर्मदा तट, श्योपुर के महाराजा नरसिंह महल, कटनी के विजय राघवगढ़ का किला, शहडोल के कंकाली मंदिर अंतरा, उमरिया जिले के सीतागढ़ी-मढ़ी, अनूपपुर के अमरकंटक मंदिर उदयपुर, सिंगरौली के शैलोत्कीर्ण गुफाएँ माड़ा, रीवा के हरगौरी प्रतिमा पद्मधर पार्क, सतना जिले के चित्रकूट घाट, भिण्ड के किला अटेर, राजगढ़ जिले के सांकाजी की छत्री, बैतूल जिले के प्राचीन शिव मंदिर भैंसदेही, आगर-मालवा जिले के बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा और सीधी जिले के बडौरा नाथ मंदिर में योग प्रशिक्षकों की देख-रेख में सामूहिक योग के सत्र होंगे।
पीएम मोदी ने 2014 में UNGA में दिया था प्रस्ताव
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से योग के महत्व के बारे में बताया और दुनिया के सभी देशों से योग दिवस मनाने का आह्वान किया था, पीएम मोदी ने कहा था कि योग का अर्थ जोड़ना है , यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है, विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है।
90 दिन में प्रस्ताव को मिली स्वीकृति, ये एक रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाने पर विचार किया और 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। जिसके बाद 21 जून 2015 को दुनिया ने पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया, तब से ये लगातार मनाया जा रहा है।
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस?
“अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” को मनाने के लिए 21 जून सुनिश्चित किया गया। 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाने की वजह भी है। 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है और ये समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार है इसलिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।